इस तस्वीर और इससे जुड़े वीडियो की जांच के आदेश दे दिए गए हैं
श्रीनगर:
एक जवान लड़के को सेना की जीप से बांधकर जत्थे के आगे ले जाया जा रहा है - यह एक वायरल वीडियो है जिसे कश्मीर का बताया जा रहा है. सेना का दावा है कि यह शख्स एक प्रदर्शनकारी है जिसे श्रीनगर उपचुनाव के दिन सेना ने पत्थर फेंकने वालों से खुद को बचाने के लिए ढाल की तरह इस्तेमाल किया गया था. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला ने एक नाराज़गी भरे ट्वीट के साथ इस वीडियो को शेयर किया है जिसमें सेना को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि 'पत्थर फेंकने वालों के साथ इस तरह बर्ताव किया जाएगा.'
अबदुल्ला ने ट्वीट किया है कि 'इस नौजवान को सेना की जीप के आगे बांध दिया गया ताकि जीप पर कोई पत्थर न मार सके? यह चौंका देने वाला है.'
अबदुल्ला ने इस मामले की जांच की मांग की है. उधर जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी इस वीडियो के बारे में राज्य पुलिस से एक रिपोर्ट मांगी है. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इन वीडियो पर चिंता व्यक्त की और पुलिस को ‘‘घटनाओं के बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए कहा ताकि आवश्यक कार्रवाई की जा सके.’’ महबूबा ने कैमरे में कैद हुई घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं ‘‘अस्वीकार्य’’ हैं.
गौरतलब है कि श्रीनगर संसदीय क्षेत्र में 9 अप्रैल को उपचुनाव हुए थे और उसी दिन से कई वीडियो सोशल मीडिया पर देखे जा रहे हैं. सेना का कहना है कि इस वीडियो की जांच की जा रही है जिसमें एक युवक को पथराव के खिलाफ सेना की एक जीप पर मानव ढाल के तौर पर बांधा दिखाया गया है. वहीं सूत्र इस वीडियो को बडगाम जिले के बीरवाह इलाके में शूट किया बता रहे हैं और कहा जा रहा है कि अगर उस व्यक्ति को ढाल की तरह नहीं खड़ा किया जाता तो 400 लोगों की भीड़ पोलिंग अधिकारियों पर हमला कर देती. सूत्रों के मुताबिक यह वीडियो तब बनाया गया जब पोलिंग अधिकारियों का एक समूह मतदान केंद्र से बच निकलने की कोशिश कर रहा था और उनका सामना पत्थरबाजों से हो गया.
समूह की मदद के लिए सेना की एक टीम को बुलाया गया लेकिन तब तक भीड़ बढ़ चुकी थी और 15 जवानों की सेना की टुकड़ी के आगे बहुत बड़ी हो चुकी थी. सूत्र की मानें तो अगर उस वक्त गोलीबारी की जाती तो भीड़ का गुस्सा सेना पर फूट पड़ता. इसलिए खुद को बचाने के लिए कंपनी कमांडर ने एक प्रदर्शनकारी को पकड़ा और उसे जीप से बांध दिया. इसके बाद सेना और पोलिंग अधिकारी सुरक्षित तरीके से उस इलाके से बाहर निकल गए और अपने साथ लाए गए प्रदर्शनकारी को पुलिस के हवाले कर दिया गया.
बीते दिनों तीन वीडियो वायरल हुए हैं जिन्हें श्रीनगर लोकसभा सीट के लिए हुए मतदान के दिन का बताया जा रहा है. एक वीडियो को बडगाम जिले का बताया जा रहा है जिसमें प्रदर्शनकारी सीआरपीएफ के एक जवान पर हमला करते हुए दिख रहे हैं. दूसरा वीडियो मतदान केंद्र के बाहर का बताया जा रहा है जहां सुरक्षाकर्मी पथराव करने वाले एक प्रदर्शनकारी को बेहद नजदीक से गोली मारते हुए देखे जा रहे हैं. एक अन्य वीडियो बीरवाह क्षेत्र का बताया जा रहा है जहां सेना के जवानों ने एक युवक को पथराव करने वालों के खिलाफ मानव ढाल बनाने के लिए उसे एक जीप के आगे बांध दिया.
Here's the video as well. A warning can be heard saying stone pelters will meet this fate. This requires an urgent inquiry & follow up NOW!! pic.twitter.com/qj1rnCVazn
— Omar Abdullah (@abdullah_omar) April 14, 2017
अबदुल्ला ने ट्वीट किया है कि 'इस नौजवान को सेना की जीप के आगे बांध दिया गया ताकि जीप पर कोई पत्थर न मार सके? यह चौंका देने वाला है.'
This young man was TIED to the front of an army jeep to make sure no stones were thrown at the jeep? This is just so shocking!!!! #Kashmir pic.twitter.com/bqs4YJOpJc
— Omar Abdullah (@abdullah_omar) April 14, 2017
अबदुल्ला ने इस मामले की जांच की मांग की है. उधर जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी इस वीडियो के बारे में राज्य पुलिस से एक रिपोर्ट मांगी है. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इन वीडियो पर चिंता व्यक्त की और पुलिस को ‘‘घटनाओं के बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए कहा ताकि आवश्यक कार्रवाई की जा सके.’’ महबूबा ने कैमरे में कैद हुई घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं ‘‘अस्वीकार्य’’ हैं.
गौरतलब है कि श्रीनगर संसदीय क्षेत्र में 9 अप्रैल को उपचुनाव हुए थे और उसी दिन से कई वीडियो सोशल मीडिया पर देखे जा रहे हैं. सेना का कहना है कि इस वीडियो की जांच की जा रही है जिसमें एक युवक को पथराव के खिलाफ सेना की एक जीप पर मानव ढाल के तौर पर बांधा दिखाया गया है. वहीं सूत्र इस वीडियो को बडगाम जिले के बीरवाह इलाके में शूट किया बता रहे हैं और कहा जा रहा है कि अगर उस व्यक्ति को ढाल की तरह नहीं खड़ा किया जाता तो 400 लोगों की भीड़ पोलिंग अधिकारियों पर हमला कर देती. सूत्रों के मुताबिक यह वीडियो तब बनाया गया जब पोलिंग अधिकारियों का एक समूह मतदान केंद्र से बच निकलने की कोशिश कर रहा था और उनका सामना पत्थरबाजों से हो गया.
समूह की मदद के लिए सेना की एक टीम को बुलाया गया लेकिन तब तक भीड़ बढ़ चुकी थी और 15 जवानों की सेना की टुकड़ी के आगे बहुत बड़ी हो चुकी थी. सूत्र की मानें तो अगर उस वक्त गोलीबारी की जाती तो भीड़ का गुस्सा सेना पर फूट पड़ता. इसलिए खुद को बचाने के लिए कंपनी कमांडर ने एक प्रदर्शनकारी को पकड़ा और उसे जीप से बांध दिया. इसके बाद सेना और पोलिंग अधिकारी सुरक्षित तरीके से उस इलाके से बाहर निकल गए और अपने साथ लाए गए प्रदर्शनकारी को पुलिस के हवाले कर दिया गया.
बीते दिनों तीन वीडियो वायरल हुए हैं जिन्हें श्रीनगर लोकसभा सीट के लिए हुए मतदान के दिन का बताया जा रहा है. एक वीडियो को बडगाम जिले का बताया जा रहा है जिसमें प्रदर्शनकारी सीआरपीएफ के एक जवान पर हमला करते हुए दिख रहे हैं. दूसरा वीडियो मतदान केंद्र के बाहर का बताया जा रहा है जहां सुरक्षाकर्मी पथराव करने वाले एक प्रदर्शनकारी को बेहद नजदीक से गोली मारते हुए देखे जा रहे हैं. एक अन्य वीडियो बीरवाह क्षेत्र का बताया जा रहा है जहां सेना के जवानों ने एक युवक को पथराव करने वालों के खिलाफ मानव ढाल बनाने के लिए उसे एक जीप के आगे बांध दिया.
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