हैदराबाद:
आंध्र प्रदेश के तेलंगाना क्षेत्र में पृथक राज्य की मांग के समर्थन में जारी रेल रोको आंदोलन, ऑटो रिक्शा और राज्य सरकार के स्वामित्व वाले सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों के हड़ताल के कारण परिवहन सेवाएं चरमरा गई हैं। इस पूरे क्षेत्र और कई शहरों में यात्रियों को परेशानी हो रही है। तेलंगाना समर्थक आंदोलनकारियों का रेल रोको आंदोलन रविवार को दूसरे दिन भी जारी रहा, जबकि राज्य सरकार के स्वामित्व वाले सड़क परिवहन निगम (आरटीसी) के कर्मचारियों की हड़ताल सातवें दिन में प्रवेश कर गई है। हैदराबाद और क्षेत्र के अन्य नौ जिलों के रेलवे स्टेशनों पर सन्नाटा पसरा है, क्योंकि रेलवे ने सभी रेलगाड़ियां रद्द कर दी हैं। पृथक तेलंगाना की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी रविवार सुबह फिर पटरियों पर जमा हो गए। लगभग सभी स्टेशनों पर प्रदर्शनकारी पटरियों पर जमे हुए हैं और वे वहां खेलों तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं। नालगोंडा जैसे कुछ स्थानों में तो तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के कार्यकर्ताओं ने रात भी पटरियों पर ही बिताई और वहीं सुबह नहाकर नाश्ता किया। हैदराबाद और तेलंगाना का बाकी हिस्सा तटीय आंध्र और रायलसीमा क्षेत्रों से कट गया है, क्योंकि रेल गाड़ियों और बसों का परिचालन रद्द कर दिया गया है। रेलगाड़ियों और बसों के रद्द किए जाने के कारण विजयवाड़ा, गंटूर, विशाखापत्तनम और तिरुपति जैसे शहरों में हजारों की संख्या में यात्री फंस गए हैं। आंदोलन की अगुवाई कर रही तेलंगाना संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने सम्भवत: रेल रोको आंदोलन को 27 सितम्बर तक के लिए बढ़ा दिया है। लेकिन जेएसी के नेताओं ने कहा है कि उन्होंने अभी तक इस बारे में कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है। दक्षिण मध्य रेलवे ने शनिवार और रविवार के लिए 72 से अधिक एक्सप्रेस गाड़ियों और 264 पैसेंजर गाड़ियों को रद्द कर दिया है। 5,00,000 से अधिक ऑटो रिक्शा भी सड़कों पर नहीं उतरे हैं और सड़क परिवहन निगम की 10,000 से अधिक बसें लगातार सातवें दिन सड़कों पर नहीं उतरीं हैं।