आमिर खान की फिल्म 'पीके' जब पहले हफ्ते में 182.39 करोड़ का कारोबार कर चुकी है और इसे अंधविश्वास के खिलाफ एक चुटीली फिल्म की तरह देखा जा रहा है, तब अचानक इस फिल्म से कुछ लोगों को अपनी धार्मिक भावनाएं आहत होती नजर आ रही हैं।
अचानक हिंदूवादी संगठनों ने फिल्म को देवी-देवताओं के खिलाफ बताना शुरू कर दिया है। उनकी मांग है कि फिल्म का प्रदर्शन रोका जाए। ऐसे हिंदूवादी संगठनों के साथ कुछ मुस्लिम धर्मगुरु भी उठ खड़े हुए हैं।
जाहिर है, धर्म के नाम फैलाए जा रहे पाखंड के खिलाफ यह फिल्म कई लोगों को पसंद नहीं आ रही है। अहमदाबाद में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने सिटी गोल्ड और शिव मल्टीप्लेक्स में फिल्म दिखाने के विरोध में तोड़फोड़ की है।
भोपाल के ज्योति टॉकीज में 'पीके' का शो एक घंटे देरी से शुरू हुआ, क्योंकि यहां भी बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। अब वहां पुलिस तैनात कर दी गई है। मुंबई के एक थिएटर मालिक को भी धमकी भरा खत मिला, जिसके बाद उन्होंने फिल्म 'पीके' का प्रदर्शन रोक दिया।
उधर, 'पीके' के कथित आपत्तिजनक दृश्यों पर पाबंदी लगाने की हिंदूवादी संगठनों की मांग के बीच सेंसर बोर्ड ने ऐसी कोई भी कार्रवाई करने से साफ इनकार कर दिया है। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की अध्यक्ष लीला सैमसन ने कहा कि बोर्ड 'पीके' से कोई भी दृश्य नहीं हटाएगा, क्योंकि यह फिल्म पहले ही रिलीज की जा चुकी है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं