नई दिल्ली:
केंद्रीय लोक उपक्रम अपने यहां बेहतर प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों के लिए तेजी से पदोन्नति की नीति लागू कर सकते हैं. साथ ही लंबे समय से काम कर रहे कर्मचारियों के लिए अलग से एक अध्ययन प्रोत्साहन अवकाश (सबैटिकल) नीति को भी लागू किया जा सकता है. सरकार ने इस संबंध में एक समिति गठित की है जो तीन महीने में इस संबंध में नीति की रुपरेखा तैयार करने के सुझाव देगी. समिति के सुझावों को इस नीति की रुपरेखा में शामिल किया जाएगा जिसे बाद में प्रधानमंत्री के सामने पेश किया जाएगा.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय लोक उपक्रमों को 100 दिनों की समय सीमा में यह काम करने का निर्देश दिया था. इसका मकसद सार्वजनिक उपक्रमों को मजबूत करना और विकासात्मक गतिविधियों का प्रसार करना है. इस समिति में भेल, ऑयल इंडिया और एनटीपीसी समेत अन्य कंपनियों के मानव संसाधन निदेशक शामिल हैं. यह अगले तीन महीनों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों की तेज पदोन्नति के लिए अंतिम सिफारिशें देगी.
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इसके अलावा कर्मचारियों के लिए अध्ययन प्रोत्साहन अवकाश नीति और गर्मियों में इंटर्नशिप जैसे कदम उठाए जाने की उम्मीद है. इस संबंध में समिति की पहली बैठक चार जून को होनी है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय लोक उपक्रमों को 100 दिनों की समय सीमा में यह काम करने का निर्देश दिया था. इसका मकसद सार्वजनिक उपक्रमों को मजबूत करना और विकासात्मक गतिविधियों का प्रसार करना है. इस समिति में भेल, ऑयल इंडिया और एनटीपीसी समेत अन्य कंपनियों के मानव संसाधन निदेशक शामिल हैं. यह अगले तीन महीनों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों की तेज पदोन्नति के लिए अंतिम सिफारिशें देगी.
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इसके अलावा कर्मचारियों के लिए अध्ययन प्रोत्साहन अवकाश नीति और गर्मियों में इंटर्नशिप जैसे कदम उठाए जाने की उम्मीद है. इस संबंध में समिति की पहली बैठक चार जून को होनी है.
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