वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय लोक उपक्रमों (CPSE) की संपत्ति को बाजार में बिक्री (Privatisation) से बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार और निवेशकों के लिये मूल्य सृजन के सिद्धांत पर आधारित है.
संपत्ति को बाजार पर चढ़ाने (बिक्री और लीज पर देना) के विषय पर नीति आयोग की राष्ट्रीय कार्यशाला में वित्त मंत्री ने ये बात कही. राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ वित्त मंत्री ने बुनियादी ढांचे के समग्र विकास के लिये राज्यों से सहयोग की मांग की.उन्होंने कहा कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बीच सक्रिय सहयोग से राजकोषीय जरूरत और सामाजिक-आर्थिक कल्याण के बीच सही संतुलन कायम करते हुए भारत 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है.
वित्त मंत्री ने कहा कि संपत्ति को बाजार में चढ़ाने को न केवल फाइनेंसिंग व्यवस्था के रूप में देखने की जरूरत है. इसके जरिये बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और उसके रखरखाव के लिए व्यापक बदलाव लाने को लेकर एक समग्र रणनीति के रूप में देखा जाना चाहिए. वित्त मंत्री ने इनोवेशन के जरिये पुरानी बुनियादी ढांचे की संपत्तियों की उत्पादकता में सुधार और मूल्य सृजन को लेकर सरकार के संकल्प का भी जिक्र किया.
सीतारमण ने कहा कि संपत्ति को बाजार में चढ़ाना सरकार और निवेशकों के लिये मूल्य सृजन करने के सिद्धांत पर आधारित है. वित्त मंत्री के मुताबिक, बुनियादी ढांचे को लेकर सरकार का दृष्टिकोण राज्यों द्वारा और राज्यों के लिए है. उनके सहयोग के बिना बुनियादी ढांचे का समग्र विकास न तो व्यवहारिक होगा न ही प्रभावी.
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