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This Article is From Apr 21, 2021

मनमोहन सिंह की चिट्ठी को लेकर प्रियंका गांधी बोलीं- 'जितने सम्मान से भेजी गई थी, वैसे ही सुनना चाहिए था'

पीएम मोदी पर हमला करते हुए प्रियंका ने न्यूज एजेंसी ANI के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें अब अपने 'पब्लिक रिलेशन एक्सरसाइज' को बंद करके लोगों और विपक्ष से इस संकट के बारे में बात करनी चाहिए. उन्होंने मनमोहन सिंह की चिट्ठी पर सत्तारूढ़ पार्टी की प्रतिक्रिया पर भी टिप्पणी की.

मनमोहन सिंह की चिट्ठी को लेकर प्रियंका गांधी बोलीं- 'जितने सम्मान से भेजी गई थी, वैसे ही सुनना चाहिए था'
प्रियंका गांधी ने मनमोहन सिंह की चिट्ठी पर बीजेपी की प्रतिक्रिया को लेकर किया हमला.
नई दिल्ली:

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने बुधवार को मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार कोविड-19 जैसे अप्रत्याशित संकट के वक्त में भी विपक्ष को अपने विश्वास में नहीं ले रही है. प्रियंका ने इस बात पर जोर दिया कि 'ऐसे वक्त में जब पूरे देश को साथ खड़े होने की जरूरत है, मोदी सरकार अपने पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह के सुझावों तक का मजाक उड़ा रही है.'

पीएम मोदी पर हमला करते हुए प्रियंका ने न्यूज एजेंसी ANI के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें अब अपने 'पब्लिक रिलेशन एक्सरसाइज' को बंद करके लोगों और विपक्ष से इस संकट के बारे में बात करनी चाहिए. कांग्रेस नेता ने दावा किया कि मोदी सरकार पाकिस्तान की इंटेल एजेंसी आईएसआई तक से बात करने को तैयार है, लेकिन वो विपक्षी नेताओं से बात नहीं कर सकती.

प्रियंका ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि आज विपक्ष का कोई ऐसा नेता है जो सरकार को सकारात्मक और रचनात्मक सुझाव नहीं दे रहा है. सभी राजनीतिक पार्टियां कह रही हैं कि वो संकट में केंद्र के साथ खड़ी हैं.' उन्होंने आगे कहा, 'मनमोहन सिंह 10 सालों तक हमारे प्रधानमंत्री थे. सब जानते हैं कि वो कितने सम्मानित व्यक्ति थे. अगर वो कोई सुझाव दे रहे हैं तो आपको उन्हें सुनना चाहिए. उनके सुझावों को उतने ही सम्मान से सुना जाना चाहिए, जितने सम्मान से वो दिए गए थे. अगर विपक्ष अपनी आवाज नहीं उठाएगा, तो कौन उठाएगा?'

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उनका यह बयान तब आया है, जब अभी रविवार को ही मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी के नाम से एक चिट्ठी लिखी थी और वैक्सीनेशन को लेकर कई सुझाव दिए थे. उन्होंने कहा था कि सरकार को जनसंख्या के हिसाब से टीकाकरण का प्रतिशत बढ़ाना चाहिए.' उन्होंने कुछ और सुझाव दिए थे, जिन्हें उन्होंने 'रचनात्मक सहयोग' बताया था, लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने उनकी चिट्ठी पर जवाब दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस पार्टी के सदस्य उनके सुझावों को सुनें तो इतिहास उनसे नरमी से पेश आएगा.

प्रियंका ने केंद्रीय नेताओं और मंत्रियों पर हमला करते हुए उनकी चुनावी रैलियों पर भी सवाल उठाए. कोविड के बढ़ते मामलों के बीच बीजेपी पिछले दिनों तक पश्चिम बंगाल और असम में रैली करती रही है. इसपर प्रियंका ने कहा कि 'आज भी वो चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं. वो रैलियों में मंचों पर पर से हंस रहे हैं. लोग रो रहे हैं. मदद के लिए चिल्ला रहे हैं, ऑक्सीजन, बेड और दवाइयां ढूंढ रहे हैं और आप जाकर बड़ी रैलियां कैसे कर ले रहे हैं?'

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