नई दिल्ली:
यूपीए उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी ने 19 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए गुरुवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। उनके साथ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य कई बड़े नेता मौजूद थे।
मनमोहन और सोनिया के साथ प्रणब ने अपने नामांकन पत्र के चार सेट राज्यसभा के महासचिव एवं राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचन अधिकारी विवेक कुमार अग्निहोत्री को सौंपे। प्रणब ने नामांकन पत्र के चार सेट पर केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, कांग्रेस विधायक दल के नेताओं और प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुखों सहित 480 सांसदों और विधायकों के दस्तखत हैं।
एनडीए संयोजक एवं जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने नामांकन पत्र के एक सेट पर सबसे पहले दस्तखत किए। उसके बाद रक्षा मंत्री एके एंटनी, सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने नामंकन पत्रों पर दस्तखत किए।
एहतियात के तौर पर नामांकन पत्र के हर सेट पर 60 प्रस्तावक और 60 अनुमोदकों के दस्तखत कराए गए, जबकि चुनाव नियमों के अनुसार 50 प्रस्तावकों और इतने ही अनुमोदकों की आवश्यकता होती है।
सपा प्रमुख मुलायम, आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव, आरएलडी प्रमुख अजित सिंह, लोजपा प्रमुख राम विलास पासवान, कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी और केंद्रीय मंत्रियों में पी चिदंबरम, फारूक अब्दुल्ला, ई अहमद, एके एंटनी, पवन कुमार बंसल और अश्विनी कुमार नामांकन पत्र दाखिल किए जाते समय प्रणब के साथ मौजूद थे।
सपा नेता राम गोपाल यादव, बीएसपी नेता सतीश चंद्र मिश्रा, एनसीपी नेता डीपी त्रिपाठी भी इस मौके पर उपस्थित थे। संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल को प्रणब का अधिकृत प्रतिनिधि बनाया गया है।
जहां एक ओर एनडीए में शामिल जेडीयू और शिवसेना ने प्रणब को समर्थन देने का वादा किया है, वहीं यूपीए सरकार में शामिल तृणमूल कांग्रेस ने अभी तक अपना रुख साफ नहीं किया है।
प्रणब मुखर्जी 30 जून को चेन्नई से अपना चुनावी अभियान शुरू करेंगे। मुखर्जी के प्रचार कार्यक्रमों और रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए कांग्रेस ने 12 सदस्यीय समन्वय समिति बनाई है। उम्मीद है कि प्रणब ज्यादा से ज्यादा राज्यों का दौरा करेंगे। खासकर उन राज्यों में जरूर जाने का प्रयास करेंगे, जहां मतदाताओं की संख्या ज्यादा है।
मनमोहन और सोनिया के साथ प्रणब ने अपने नामांकन पत्र के चार सेट राज्यसभा के महासचिव एवं राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचन अधिकारी विवेक कुमार अग्निहोत्री को सौंपे। प्रणब ने नामांकन पत्र के चार सेट पर केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, कांग्रेस विधायक दल के नेताओं और प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुखों सहित 480 सांसदों और विधायकों के दस्तखत हैं।
एनडीए संयोजक एवं जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने नामांकन पत्र के एक सेट पर सबसे पहले दस्तखत किए। उसके बाद रक्षा मंत्री एके एंटनी, सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने नामंकन पत्रों पर दस्तखत किए।
एहतियात के तौर पर नामांकन पत्र के हर सेट पर 60 प्रस्तावक और 60 अनुमोदकों के दस्तखत कराए गए, जबकि चुनाव नियमों के अनुसार 50 प्रस्तावकों और इतने ही अनुमोदकों की आवश्यकता होती है।
सपा प्रमुख मुलायम, आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव, आरएलडी प्रमुख अजित सिंह, लोजपा प्रमुख राम विलास पासवान, कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी और केंद्रीय मंत्रियों में पी चिदंबरम, फारूक अब्दुल्ला, ई अहमद, एके एंटनी, पवन कुमार बंसल और अश्विनी कुमार नामांकन पत्र दाखिल किए जाते समय प्रणब के साथ मौजूद थे।
सपा नेता राम गोपाल यादव, बीएसपी नेता सतीश चंद्र मिश्रा, एनसीपी नेता डीपी त्रिपाठी भी इस मौके पर उपस्थित थे। संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल को प्रणब का अधिकृत प्रतिनिधि बनाया गया है।
जहां एक ओर एनडीए में शामिल जेडीयू और शिवसेना ने प्रणब को समर्थन देने का वादा किया है, वहीं यूपीए सरकार में शामिल तृणमूल कांग्रेस ने अभी तक अपना रुख साफ नहीं किया है।
प्रणब मुखर्जी 30 जून को चेन्नई से अपना चुनावी अभियान शुरू करेंगे। मुखर्जी के प्रचार कार्यक्रमों और रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए कांग्रेस ने 12 सदस्यीय समन्वय समिति बनाई है। उम्मीद है कि प्रणब ज्यादा से ज्यादा राज्यों का दौरा करेंगे। खासकर उन राज्यों में जरूर जाने का प्रयास करेंगे, जहां मतदाताओं की संख्या ज्यादा है।
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