विज्ञापन
This Article is From Nov 25, 2020

भारत ने अमेरिका से लीज पर लिया प्रीडेटर ड्रोन, लद्दाख में भी किया जा सकता है तैनात: रिपोर्ट

चीन के साथ तनाव की स्थिति के बीच भारत और अमेरिका के बीच निकटता बढ़ी है. दरअसल भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर क्षेत्र में निगरानी करने के लिए एक अमेरिकी फर्म से दो प्रीडेटर ड्रोन लीज पर लिए हैं.

भारत ने अमेरिका से लीज पर लिया प्रीडेटर ड्रोन, लद्दाख में भी किया जा सकता है तैनात: रिपोर्ट
प्रीडेटर ड्रोन (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

चीन के साथ तनाव की स्थिति के बीच भारत और अमेरिका के बीच निकटता बढ़ी है. दरअसल भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर क्षेत्र में निगरानी करने के लिए एक अमेरिकी फर्म से दो प्रीडेटर ड्रोन लीज पर लिए हैं. खास बात ये है कि इन्हें पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भी तैनात किया जा सकता है.  अमेरिकी मूल के ड्रोन को भारत-चीन सीमा संघर्ष के मद्देनजर रक्षा मंत्रालय द्वारा दी गई आपातकालीन खरीद शक्तियों के तहत नौसेना द्वारा शामिल किया गया है.

शीर्ष सरकारी सूत्रों ने एएनआई को बताया, "ड्रोन नवंबर के दूसरे हफ्ते में भारत पहुंचे और आईएनएस राजली में भारतीय नौसेना के बेस पर 21 नवंबर को उड़ान संचालन में शामिल किए गए." ड्रोन ने पहले ही उड़ान संचालन शुरू कर दिया है और 30 घंटे से अधिक समय तक हवा में रहने की एक धीरज क्षमता के साथ, वे समुद्री बल के लिए एक बड़ी संपत्ति साबित हो रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि एक अमेरिकी चालक दल नौसेना को मशीनों को संचालित करने में मदद करेगा.

यह भी पढ़ें: भारत के 43 ऐप्स बैन करने पर बौखलाया चीन, लगाया यह गंभीर आरोप

सूत्रों ने कहा कि एक साल के लिए भारत ने इन्हें लीज पर लिया है. तीनों सेनाएं अमेरिका से ऐसे 18 और ड्रोन प्राप्त करने की तैयारी कर रही हैं. सूत्रों ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में चीनी आक्रामकता के खिलाफ भारत और अमेरिका बहुत निकटता से काम कर रहे हैं.

सूत्रों ने कहा कि रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया और रक्षा खरीद नियमावली के तहत हथियार प्रणालियों को लीज पर देने का विकल्प दिया गया है. ये धन की बचत करने में मदद करता है और रखरखाव की जिम्मेदारी भी विक्रेता के पास होती है.  सूत्रों ने कहा कि अमेरिकी सपोर्ट स्टाफ केवल रखरखाव और तकनीकी मुद्दों में मदद करेगा, जबकि सारी प्लानिंग और नियंत्रण भारतीय नौसेना के कर्मियों के साथ होगा.

सूत्रों ने कहा कि उड़ान के दौरान ड्रोन द्वारा एकत्र किए गए डेटा भी भारतीय नौसेना की विशेष संपत्ति होगी. भारतीय सशस्त्र बल अपनी निगरानी आवश्यकताओं के लिए पिछले कुछ वर्षों में अमेरिकी प्रणालियों में विश्वास दिखा रहे हैं क्योंकि भारतीय नौसेना के पास पहले से ही 9 पी -8 आई लंबी दूरी के निगरानी विमान हैं और अगले कुछ वर्षों में उन्हें ऐसे 9 और विमान मिलेंगे. हेलीकॉप्टरों में भारत 24 एमएच -60 रोमियो खरीद रहा है. भारत और अमेरिका ने रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए हैं.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Previous Article
एयर इंडिया ने बताया, लंदन जा रहे विमान की क्यों करनी पड़ी कोपेनहेगन में इमरजेंसी लैंडिंग
भारत ने अमेरिका से लीज पर लिया प्रीडेटर ड्रोन, लद्दाख में भी किया जा सकता है तैनात: रिपोर्ट
अरविंद केजरीवाल कब करेंगे आवास खाली? जानिए AAP ने क्या बताया
Next Article
अरविंद केजरीवाल कब करेंगे आवास खाली? जानिए AAP ने क्या बताया
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com