केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने रविवार को कहा कि केंद्र सैनिटरी नैपकिन बनाने वाली कंपनियों के लिए अगले वर्ष जनवरी से ऐसे बैग मुहैया कराने को अनिवार्य बनाएगा जिन्हें जैविक रूप से नष्ट किया जा सकें. वह पुणे में ‘‘स्वच्छ सेवकों'' के अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ने कहा, ‘‘मैंने देखा है कि सैनिटरी पैड निर्माताओं से बार-बार अपील के बावजूद वे अब भी जैविक रूप से नष्ट होने वाले बैग मुहैया नहीं करा रहे हैं. जनवरी 2021 से केंद्र सरकार ऐसे बैगों को अनिवार्य बनाएगी.'' उन्होंने बताया कि नगर पालिका वाले इलाकों में साफ-सफाई के नियम अब उन गांवों में भी लागू होंगे जहां 3,000 से अधिक की आबादी है.
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गौरतलब है कि प्रयोग में लाए जा चुके सैनिटरी नैपकिन से बायोमेडिकल कचरे का लगातार विस्तार होता जा रहा है. हाल ही में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) की दो छात्राओं ने सैनिटरी नैपकिन को साफ करके उसके दोबारा इस्तेमाल के लिए एक उपकरण बनाया था. इस उपकरण से बायोमेडिकल कचरे में कमी लायी जा सकती है. आईआईटी बॉम्बे और गोवा की इन छात्राओं ने इस उपकरण का नाम 'क्लींज राइट' रखा था और इसे पेटेंट के लिए भी भेजा था.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं