मध्य प्रदेश के भोपाल (Bhopal) के सरकारी हमीदिया अस्पताल (power failure in Hamidia Hospital) में बिजली चली जाने से कोरोना के तीन मरीजों की मौत हो गई. ये मरीज वेंटीलेटर सपोर्ट (Ventilator) पर थे. NDTV रिपोर्टर के मुताबिक, बिजली चली जाने पर बैकअप के लिए रखा जनरेटर भी नहीं चला. कोविड के ट्रामा सेंटर पर उस वक्त 11 मरीजों की हालत काफी गंभीर थी. सरकार ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. पीडब्ल्यूडी के एक इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया है. जांच के बाद ही असली वजहों का पता लग सकेगा.
जानकारी के मुताबिक, मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में शुक्रवार रात अचानक बिजली चली गई. बैकअप के लिए अस्पताल में जनरेटर है, लेकिन बिजली जाने के कुछ ही देर बाद जनरेट भी बंद हो गया, इस दौरान अस्पताल मेंं तीनों मरीज कोरोना संक्रमित थे और वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे जिनकी मौत हो गई. चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने माना कि बिजली गई थी, लेकिन मौत की असल वजह जानने के लिए अस्पताल प्रबंधन से रिपोर्ट तलब की गई है.
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा 'दुर्भाग्यपूर्ण है, ये बड़ी लापरवाही है. हमीदिया अस्पताल में 5 बजाकर 58 मिनट पर लाइट गई. वहां बैकअप के इंतज़ाम है लेकिन जनरेटर बंद हो गया था. इसके मेंटेनेंस में लापरवाही बरतने के कारण एक इंजीनियरिंग को ससपेंड किया गया है. मुख्यमंत्री ने मामले को गम्भीर माना है. डीन और डायरेक्टर को नोटिस जारी किया गया है. जांच रिपोर्ट आज ही दी जाएगी जो दोषी है उनपर कार्यवाई होगी. शुरुआती जांच रिपोर्ट जो हमीदिया प्रशासन ने दी है उसमें लाइट जाने के कारण मृत्यु नहीं हुई है 3 लोगों की. फिर भी मौत होना गम्भीर और दुःखद है, कार्रवाई की जायेगी'.
कांग्रेस ने इस मामले में चिकित्सा शिक्षा मंत्री का इस्तीफा मांगा है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी घटना पर ट्वीट करते हुए शिवराज सरकार पर निशाना साधा है.इस लापरवाही को लेकर मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही हमिदिया अस्पताल के डीन को नोटिस भेजा गया है और मेंटेनेन्स इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया है.
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