महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोयला संकट (coal shortage) औऱ उससे उत्पन्न बिजली संकट(Power crisis )को लेकर राज्य सरकार ने केंद्र पर हमला बोला है. महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने कहा है कि कोल इंडिया से कोयला आपूर्ति बेहद कम है और केंद्र इस मामले में कोई मदद नहीं कर रहा है. महाराष्ट्र कोयले की कमी के कारण भयंकर बिजली संकट का सामना कर रहा है. बिजली संकट सिर्फ मुंबई तक सीमित नहीं है, लेकिन बाकी इलाकों में अभी तक यह काबू में है. राउत ने ये जानकारी दी. उन्होंने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, करीब 20 लाख मीट्रिक टन की कमी है और राज्य के प्रमुख बिजली संयंत्रों में अगले दो दिन में ही कोयले का स्टॉक खत्म हो जाएगा.
राउत ने कहा, असल में महाराष्ट्र पॉवर पॉलिटिक्स का सामना कर रहा है. चूंकि महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी की सरकार है. लिहाजा केंद्र सरकार उसे उचित सहयोग नहीं कर रही है. यही कारण है कि ये कृत्रिम संकट बना हुआ है. राउत ने कहा, कोयले की कमी है, इसमें कोई संदेह नहीं है. हमने कोल इंडिया लिमिटेड के साथ समझौता कर रखा है. कई अन्य कंपनियों के साथ भी एमओयू किया गया है. हमारा कांट्रैक्ट 10 लाख मिलियन मीट्रिक टन का है. इसमें 60-70 फीसदी की कमी है. हमें पूरा कोटा मिलना चाहिए, लेकिन हमें सिर्फ 85 फीसदी की आपूर्ति हो रही है. ऐसे में 50 फीसदी कोयले की कमी हो गई है. जबकि हमारे बिजली संयंत्रों ने उत्पादन बढ़ाया है औऱ हम पीक पीरियड में पर्याप्त बिजली मुहैया कराने का प्रयास कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, कोल इंडिया लिमिटेड उचित ढंग से आपूर्ति नहीं कर रहा है. वो आपूर्ति में गुणवत्ता पूर्ण कोयला नहीं दे रहे हैं. कई इलाकों में रैक की भी कमी है. मुंबई और उसके आसपास के इलाकों में सोमवार को करीब एक घंटे का ब्लैकआउट रहा. आज भी कई इलाकों मे बिजली की कटौती की गई. मंत्री ने कहा कि मुंबई में हालात नियंत्रण में हैं. उन्होंने सोमवार को कटौती के पीछे तकनीकी समस्या को वजह बताया.
'अलग-थलग' और विदेश में मौजूद राहुल गांधी ने प्रशांत किशोर के संदेह को और बढ़ाया : सूत्र
कांग्रेस-प्रशांत किशोर की वार्ता फिर क्यों विफल हो गई : जानें इनसाइड स्टोरी
POLITICAL बाबा : 'पीके' के नहीं आने से निराश हैं कई कांग्रेसी
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं