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This Article is From Aug 01, 2012

बिजली संकट : आरोपों से परहेज, दिक्कतें दूर करना मोइली की प्राथमिकता

बिजली संकट : आरोपों से परहेज, दिक्कतें दूर करना मोइली की प्राथमिकता
नई दिल्ली: नवनियुक्त बिजली मंत्री वीरप्पा मोइली ने राज्यों पर जरूरत से अधिक बिजली लेने का आरोप लगाने से परहेज किया। मंगलवार को ग्रिड से जरूरत से अधिक बिजली लेने की वजह से तीन ग्रिड विफल हो गए थे। मोइली ने कहा कि वह उन कई दिक्कतों से निपटने पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जो बिजली क्षेत्र के समक्ष हैं।

बुधवार सुबह बिजली मंत्रालय का कार्यभार संभालने वाले मोइली ने कहा कि वह स्थिति का जायजा लेंगे और बिजली क्षेत्र के समक्ष आ रही अड़चनों को दूर करने पर काम करना शुरू करेंगे। उन्होंने संवाददाताओं को बताया, पहली चीज ग्रिड को स्थिर करना और इसे सतत बनाए रखना है। इसके लिए, हम उचित रणनीति बनाएंगे।

मोइली ने कहा, मैं आरोप-प्रत्यारोप के साथ अपनी पारी शुरू नहीं करना चाहता। उचित समय पर हम अल्पावधि व मध्यम अवधि के समाधान तलाशेंगे। मोइली ने बिजली मंत्रालय की कमान ऐसे समय में संभाली है, जब यह क्षेत्र जबरदस्त संकट से गुजर रहा है और उन्हें तीन ग्रिड की विफलता से लेकर ईंधन की किल्लत और वितरण कंपनियों की खस्ता हालत तक के मुद्दों से निपटना होगा।

उन्होंने कहा, मैं हमेशा से ही चुनौतियों को पसंद करता रहा हूं। ये चीजें (बिजली पारेषण व ईंधन के मुद्दे) बहुत संवेदनशील हैं और इनसे निपटते समय समस्याएं भी पैदा होंगी। इनसे कैसे निपटा जाए, यह एक चुनौती होगी।

मोइली ने कहा, हम बहुत सक्षम हैं। क्षमता का निर्माण किया गया है। यह यात्रा की समाप्ति नहीं है, बल्कि हमें काफी कुछ करने की जरूरत है, यही वजह है कि हम यहां हैं। उल्लेखनीय है कि देश को कल अब तक के सबसे बड़े बिजली संकट से जूझना पड़ा और तीन ग्रिड विफल होने से देश की आधी से अधिक आबादी प्रभावित हुई।

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