वाराणसी : बुधवार को वाराणसी शहर से 30 किलोमीटर दूर चिरईगांव के प्राथमिक केंद्र के बाहर की तस्वीर कुछ ऐसी थी कि कड़कड़ाती ठंड में महिलाएं गीली जमीन पर नीमबेहोशी की हालत में पड़ी थीं। ये सभी महिलाएं नसबंदी कैंप में आई थीं, जहां ऑपरेशन हुआ, लेकिन चूंकि अस्पताल में बिस्तरों की ठीक व्यवस्था नहीं है, लिहाजा खुले आसमान के नीचे जमीन पर ही इनके लिए पोस्ट ऑपरेटिव बेड बना दिया गया।
अस्पताल में सिर्फ बेड ही नहीं, स्ट्रेचर और पैरामेडिकल स्टाफ भी नहीं है, लिहाजा आशा दाई और मरीज के परिजन ही इन्हें ऑपरेशन के बाद नीमबेहोशी की हालत में पैदल चलाकर ला रहे हैं, और जमीन पर लिटा रहे हैं। आशा दाई सुशीला मौर्या बताती हैं, "चार-पांच लोगों का बेड है, लेकिन इतने मरीज आ गए थे तो किसी को वापस नहीं किया गया और तत्काल उनका ऑपरेशन किया गया।
दरअसल इन सभी मरीजों को आशादाई ही कैम्प के लिए तैयार करती हैं, और यहां तक लाती हैं, इसीलिए आशा संगिनी फुलगैना इतनी भीड़ की वजह बताते हुए कहती हैं, "हमेशा इतनी भीड़ नहीं होती, लेकिन एक कैम्प पोलियो की वजह से नहीं हो पाया था, इसलिए भीड़ आ गई..."
आशा संगिनी की बात अपनी जगह पर है, लेकिन यह पहले से निर्धारित नसबंदी कैम्प था, और इसके लिए पहले से रजिस्ट्रेशन करवाए गए थे। 76 महिलाओं का रजिस्ट्रेशन हुआ था, और सभी आई भी थीं, जिनमें से 73 को फिट पाकर उनका ऑपरेशन किया गया। पहले से तय कैम्प में सिर्फ एक डॉक्टर ललिता यादव की ही ड्यूटी लगी थी, जिन्होंने 73 ऑपरेशन महज चार घंटे में कर दिए, यानी तीन से चार मिनट में ही एक ऑपरेशन निपटाया गया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर राजनाथ बताते हैं, "हम लोगों को लक्ष्य दे दिया जाता है... हम लोगों को टारगेट दे दिया गया, अब उसको अचीव तो करना ही है... जो आ गया, उसका ऑपरेशन तो करना ही है... टारगेट फिक्स है, उसको तो करना ही है..."
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर भले ही टारगेट की बात कर रहे हैं, लेकिन जब खुले आसमान के नीचे बने इस वार्ड की खबर मीडिया में आई तो जिले के सीएमओ और प्रशासन सजग हहो गए, और सफाई दे रहे हैं कि टारगेट जैसी कोई बात नहीं। ऐसे ऑपरेशनों का मानक बना हुआ है और इस लापरवाही की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
मामले पर टिप्पणी करते हुए बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा, "मैंने जानकारी हासिल की तो पता चला कि उन महिलाओं को हटा दिया गया है... हमारे कार्यकर्ता उन महिलाओं को ढूंढ रहे हैं, और यह जानेंगे कि उनकी क्या परिस्थिति है... उनके इलाज की क्या व्यवस्था है, इसका पता किया जाएगा... लेकिन इस चिकित्सक ने जिस तरह का कृत्य किया है, वह मानकों के खिलाफ है..."
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