नई दिल्ली:
पुंछ में भारतीय सेना पर हुए हमले के बारे में संसद में मंगलवार को दिए गए अपने बयान को लेकर विपक्ष के निशाने पर आए रक्षामंत्री एके एंटनी ने कहा है कि वह बयान उन्हें उस समय तक मिली जानकारी के आधार पर दिया गया था। इधर, सरकार ने भी साफ किया है कि रक्षामंत्री अपने बयान पर माफी नहीं मांगेंगे।
एंटनी ने कहा कि उन्हें सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह के सरहद से लौटने का इंतजार है। रक्षामंत्री ने अपने बयान से उत्पन्न विवाद के मद्देनजर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी मुलाकात की है।
संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ रक्षामंत्री के बचाव में उतरे और कहा कि बयान उस वक्त तक उपलब्ध तथ्यों के आधार पर दिया गया था। कमलनाथ ने कहा, रक्षामंत्री द्वारा गुमराह किए जाने का कोई सवाल नहीं है। उन्होंने तथ्यों के बारे में बयान दिया, जो तथ्य उस वक्त उपलब्ध थे, जब उन्होंने बयान दिया था। यदि कोई तथ्य उसके बाद आए हैं, तो निश्चित रूप से वे बयान के बाद आए हैं।
इस मुद्दे को लेकर आज लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने एंटनी पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि रक्षामंत्री ने पांच जवानों की शहादत के बारे में अपने बयान से सारे तथ्य बदल दिए और दोषियों को दोषमुक्त कर दिया। उन्होंने कहा कि एंटनी को देश से माफी मांगनी चाहिए।
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर सुषमा स्वराज ने कहा, कल हमने पांच भारतीय सैनिकों की शहादत पर रक्षामंत्री से बयान देने की मांग की थी। रक्षामंत्री का बयान आया। इस बीच, दोपहर में रक्षा मंत्रालय का बयान भी आया। दोनों बयान अलग-अलग थे। हालांकि, रक्षामंत्री के बयान के बाद रक्षा मंत्रालय के बयान का स्वरूप ही बदल गया।
उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने पहले कहा था कि भारी हथियारों से लैस 20 आतंकवादी जिसमें पाकिस्तानी सैनिक भी शामिल थे, उन्होंने भारतीय चौकी को निशाना बनाया। जबकि रक्षामंत्री ने बयान दिया कि भारी हथियारों से लैस 20 आतंकवादी, जो पाकिस्तानी सेना की वर्दी पहने हुए थे, उन्होंने भारतीय चौकी को निशाना बनाया। सुषमा ने कहा कि रक्षामंत्री एंटनी के बयान के बाद रक्षा मंत्रालय के बयान का स्वरूप ही बदल गया और उसमें से पाकिस्तानी सैनिक से जुड़े अंश को हटा दिया गया।
विपक्ष की नेता ने कहा, यह अत्यंत ही गंभीर मामला है, जिसमें रक्षामंत्री ने पाकिस्तानी सेना को क्लीनचिट देने का प्रयास किया है। रक्षामंत्री तथ्य स्वीकार करें और देश से माफी मांगें। सुषमा ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
बीजेपी के एक अन्य नेता यशवंत सिन्हा ने एंटनी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस भी दिया। यशवंत सिन्हा ने कहा, एंटनी का बयान हास्यास्पद है... हमने स्पीकर को विशेषाधिकार हनन का नोटिस भेजा है। उल्लेखनीय है कि नियंत्रण रेखा पर पांच भारतीय सैनिकों के मारे जाने को रक्षामंत्री एके एंटनी ने 'पाकिस्तानी सेना की वर्दी पहने लोगों के साथ आतंकवादियों का हमला' बताया था। रक्षामंत्री ने कहा था, "घात लगाकर यह हमला हथियारों से पूरी तरह लैस 20 आतंकवादियों के साथ उन लोगों ने किया, जो पाकिस्तानी सेना की वर्दी पहने थे।"
एंटनी के बयान देने से पहले रक्षा प्रवक्ता एसएन आचार्य ने कहा कि भारतीय सेना के गश्ती दल पर पाकिस्तान सीमा कार्रवाई दल (बीएटी) ने घात लगाकर हमला किया। आचार्य ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में नियंत्रण रेखा से निकट आज तड़के एक गैर-कमिशन्ड अधिकारी और पांच दूसरे ओहदों के सैन्यकर्मियों पर आधारित भारतीय सेना के एक गश्ती दल पाक बॉडर ऐक्शन टीम पर घात लगा कर हमला हुआ। उन्होंने कहा, उसके बाद हुई झड़प में पांच भारतीय सैनिक शहीद हुए। घात लगाकर यह हमला पाकिस्तानी सेना के सैनिकों के साथ हथियारों से पूरी तरह से लैस तकरीबन 20 आतंकवादियों ने किया।"
आचार्य ने बाद में एक 'नई' प्रेस विज्ञप्ति जारी की, जिसमें संसद में दिया गया एंटनी का बयान था और कहा गया कि पहले वाली प्रेस विज्ञप्ति को निरस्त कर यह उसकी जगह लेती है।
(कुछ अंश भाषा से भी)
एंटनी ने कहा कि उन्हें सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह के सरहद से लौटने का इंतजार है। रक्षामंत्री ने अपने बयान से उत्पन्न विवाद के मद्देनजर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी मुलाकात की है।
संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ रक्षामंत्री के बचाव में उतरे और कहा कि बयान उस वक्त तक उपलब्ध तथ्यों के आधार पर दिया गया था। कमलनाथ ने कहा, रक्षामंत्री द्वारा गुमराह किए जाने का कोई सवाल नहीं है। उन्होंने तथ्यों के बारे में बयान दिया, जो तथ्य उस वक्त उपलब्ध थे, जब उन्होंने बयान दिया था। यदि कोई तथ्य उसके बाद आए हैं, तो निश्चित रूप से वे बयान के बाद आए हैं।
इस मुद्दे को लेकर आज लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने एंटनी पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि रक्षामंत्री ने पांच जवानों की शहादत के बारे में अपने बयान से सारे तथ्य बदल दिए और दोषियों को दोषमुक्त कर दिया। उन्होंने कहा कि एंटनी को देश से माफी मांगनी चाहिए।
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर सुषमा स्वराज ने कहा, कल हमने पांच भारतीय सैनिकों की शहादत पर रक्षामंत्री से बयान देने की मांग की थी। रक्षामंत्री का बयान आया। इस बीच, दोपहर में रक्षा मंत्रालय का बयान भी आया। दोनों बयान अलग-अलग थे। हालांकि, रक्षामंत्री के बयान के बाद रक्षा मंत्रालय के बयान का स्वरूप ही बदल गया।
उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने पहले कहा था कि भारी हथियारों से लैस 20 आतंकवादी जिसमें पाकिस्तानी सैनिक भी शामिल थे, उन्होंने भारतीय चौकी को निशाना बनाया। जबकि रक्षामंत्री ने बयान दिया कि भारी हथियारों से लैस 20 आतंकवादी, जो पाकिस्तानी सेना की वर्दी पहने हुए थे, उन्होंने भारतीय चौकी को निशाना बनाया। सुषमा ने कहा कि रक्षामंत्री एंटनी के बयान के बाद रक्षा मंत्रालय के बयान का स्वरूप ही बदल गया और उसमें से पाकिस्तानी सैनिक से जुड़े अंश को हटा दिया गया।
विपक्ष की नेता ने कहा, यह अत्यंत ही गंभीर मामला है, जिसमें रक्षामंत्री ने पाकिस्तानी सेना को क्लीनचिट देने का प्रयास किया है। रक्षामंत्री तथ्य स्वीकार करें और देश से माफी मांगें। सुषमा ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
बीजेपी के एक अन्य नेता यशवंत सिन्हा ने एंटनी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस भी दिया। यशवंत सिन्हा ने कहा, एंटनी का बयान हास्यास्पद है... हमने स्पीकर को विशेषाधिकार हनन का नोटिस भेजा है। उल्लेखनीय है कि नियंत्रण रेखा पर पांच भारतीय सैनिकों के मारे जाने को रक्षामंत्री एके एंटनी ने 'पाकिस्तानी सेना की वर्दी पहने लोगों के साथ आतंकवादियों का हमला' बताया था। रक्षामंत्री ने कहा था, "घात लगाकर यह हमला हथियारों से पूरी तरह लैस 20 आतंकवादियों के साथ उन लोगों ने किया, जो पाकिस्तानी सेना की वर्दी पहने थे।"
एंटनी के बयान देने से पहले रक्षा प्रवक्ता एसएन आचार्य ने कहा कि भारतीय सेना के गश्ती दल पर पाकिस्तान सीमा कार्रवाई दल (बीएटी) ने घात लगाकर हमला किया। आचार्य ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में नियंत्रण रेखा से निकट आज तड़के एक गैर-कमिशन्ड अधिकारी और पांच दूसरे ओहदों के सैन्यकर्मियों पर आधारित भारतीय सेना के एक गश्ती दल पाक बॉडर ऐक्शन टीम पर घात लगा कर हमला हुआ। उन्होंने कहा, उसके बाद हुई झड़प में पांच भारतीय सैनिक शहीद हुए। घात लगाकर यह हमला पाकिस्तानी सेना के सैनिकों के साथ हथियारों से पूरी तरह से लैस तकरीबन 20 आतंकवादियों ने किया।"
आचार्य ने बाद में एक 'नई' प्रेस विज्ञप्ति जारी की, जिसमें संसद में दिया गया एंटनी का बयान था और कहा गया कि पहले वाली प्रेस विज्ञप्ति को निरस्त कर यह उसकी जगह लेती है।
(कुछ अंश भाषा से भी)
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