विज्ञापन
This Article is From Jan 07, 2019

गरीब सवर्णों को आरक्षण देगी मोदी सरकार : कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा- बहुत देर कर दी मेहरबां आते-आते, पढ़ें राजनीतिक बयान

एससी/एसटी एक्ट संशोधन बिल के बाद अपने कोर वोट बैंक सवर्णों को नाराज कर बैठी थी.

गरीब सवर्णों को आरक्षण देगी मोदी सरकार : कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा- बहुत देर कर दी मेहरबां आते-आते, पढ़ें राजनीतिक बयान
मोदी सरकार आरक्षम के लिए मंगलवार को संविधान संशोधन बिल ला सकती है
नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार की कैबिनेट ने बड़ा फैसला किया है. मोदी कैबिनेट ने गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देना का फैसला किया है. इसके लिए मंगलवार को संविधान संशोधन बिल आ सकता है. एससी/एसटी एक्ट संशोधन बिल के बाद अपने कोर वोटबैंक सवर्णों को नाराज कर बैठी थी. माना जाता है कि इसका खामियाजा पार्टी राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भुगत चुकी है और लोकसभा चुनाव में भी उसे अच्छा खासा नुकसान पहुंच सकता है. हालांकि संसद में संविधान संशोधन के जरिए इस बिल को पास कराना पड़ेगा और इसके लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत पड़ेगी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा, बहुत देर कर दी मेहरबां आते-आते'. उनके इस रुख से अभी अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्या कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार को समर्थन करेगी. हालांकि हरीश रावत ने यह भी कहा कि वह कोई भी जुमला दें लेकिन अब इस सरकार को कोई नहीं बचा सकता है.

मोदी कैबिनेट ने लिए कई अहम फैसले, राजनाथ सिंह और रविशंकर प्रसाद ने दी जानकारी

वहीं आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा, 'आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण जातियों के लिये मोदी सरकार ने 10% आरक्षण का स्वागत योग्य चुनावी जुमला छोड़ दिया है,ऐसे कई फ़ैसले राज्यों ने समय-समय पर लिये लेकिन 50% से अधिक आरक्षण पर कोर्ट ने रोक लगा दी क्या ये फ़ैसला भी कोर्ट से रोक लगवाने के लिये एक नौटंकी है'. उनके इस ट्वीट का अरविंद केजरीवाल ने भी समर्थन किया है.

 

संस्थानों में मिलेगा आरक्षण, कल आ सकता है संविधान संशोधन बिल

 

 

वहीं नेशनल कांन्फ्रेंस के नेता उमर अबदुल्ला ने कहा है कि गरीब सवर्णों को आरक्षण का ऐलान साबित करता है कि चुनाव का बिगुल अच्छे से बजाया जा चुका है.

 

वहीं केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्यमंत्री ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा है कि सामान्य वर्ग में जिनकी सालाना आमदनी 8 लाख और जिनके पास खेती की 5 एकड़ से कम ज़मीन हो ऐसे लोगों को नौकरी और शिक्षा में 10% आरक्षण मिलेगा.  उन्होंने यह भी बताया कि  पहले से जारी 50 % आरक्षण से यह व्यवस्था अलग होगी. उन्होंने कहा कि इस आरक्षण की मांग  बहुत समय से चल रही थी. इसमें सभी सवर्ण समाज ब्राह्मण, बनिया इसके अलावा, ईसाई और मुस्लिम भी इसके दायरे में आएंगे.  सांपला ने कहा, 'यह मांग काफी दिनों से हो रही थी लेकिन निर्णय को लेने का साहस मोदी जी की सरकार में ही था.  इसको राजनीतिक दृष्टि से न देखें. ऐसे देखें कि सरकार का कर्तव्य होता है कि लोगों की भावनाओं को समझें और उनकी जरूरतों को पूरा करें और सरकार ने अपना कर्तव्य निभाया.

एनआरसी बना असम में लोगों के लिए सिरदर्द​

 


 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: