
लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार की कैबिनेट ने बड़ा फैसला किया है. मोदी कैबिनेट ने गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देना का फैसला किया है. इसके लिए मंगलवार को संविधान संशोधन बिल आ सकता है. एससी/एसटी एक्ट संशोधन बिल के बाद अपने कोर वोटबैंक सवर्णों को नाराज कर बैठी थी. माना जाता है कि इसका खामियाजा पार्टी राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भुगत चुकी है और लोकसभा चुनाव में भी उसे अच्छा खासा नुकसान पहुंच सकता है. हालांकि संसद में संविधान संशोधन के जरिए इस बिल को पास कराना पड़ेगा और इसके लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत पड़ेगी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा, बहुत देर कर दी मेहरबां आते-आते'. उनके इस रुख से अभी अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्या कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार को समर्थन करेगी. हालांकि हरीश रावत ने यह भी कहा कि वह कोई भी जुमला दें लेकिन अब इस सरकार को कोई नहीं बचा सकता है.
मोदी कैबिनेट ने लिए कई अहम फैसले, राजनाथ सिंह और रविशंकर प्रसाद ने दी जानकारी
वहीं आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा, 'आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण जातियों के लिये मोदी सरकार ने 10% आरक्षण का स्वागत योग्य चुनावी जुमला छोड़ दिया है,ऐसे कई फ़ैसले राज्यों ने समय-समय पर लिये लेकिन 50% से अधिक आरक्षण पर कोर्ट ने रोक लगा दी क्या ये फ़ैसला भी कोर्ट से रोक लगवाने के लिये एक नौटंकी है'. उनके इस ट्वीट का अरविंद केजरीवाल ने भी समर्थन किया है.
आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण जातियों के लिये मोदी सरकार ने 10% आरक्षण का स्वागत योग्य चुनावी जुमला छोड़ दिया है,ऐसे कई फ़ैसले राज्यों ने समय-समय पर लिये लेकिन 50% से अधिक आरक्षण पर कोर्ट ने रोक लगा दी क्या ये फ़ैसला भी कोर्ट से रोक लगवाने के लिये एक नौटंकी है?
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) January 7, 2019
संस्थानों में मिलेगा आरक्षण, कल आ सकता है संविधान संशोधन बिल
Harish Rawat,Congress on 10% reservation approved by Cabinet for economically weaker upper castes: 'Bohot der kar di meherbaan aate aate', that also when elections are around the corner. No matter what they do, what 'jumlas' they give, nothing is going to save this Govt pic.twitter.com/PXBwWvNKTY
— ANI (@ANI) January 7, 2019
वहीं नेशनल कांन्फ्रेंस के नेता उमर अबदुल्ला ने कहा है कि गरीब सवर्णों को आरक्षण का ऐलान साबित करता है कि चुनाव का बिगुल अच्छे से बजाया जा चुका है.
Reservation for economically backward upper castes. The bugle announcing the elections has well & truly sounded.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) January 7, 2019
वहीं केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्यमंत्री ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा है कि सामान्य वर्ग में जिनकी सालाना आमदनी 8 लाख और जिनके पास खेती की 5 एकड़ से कम ज़मीन हो ऐसे लोगों को नौकरी और शिक्षा में 10% आरक्षण मिलेगा. उन्होंने यह भी बताया कि पहले से जारी 50 % आरक्षण से यह व्यवस्था अलग होगी. उन्होंने कहा कि इस आरक्षण की मांग बहुत समय से चल रही थी. इसमें सभी सवर्ण समाज ब्राह्मण, बनिया इसके अलावा, ईसाई और मुस्लिम भी इसके दायरे में आएंगे. सांपला ने कहा, 'यह मांग काफी दिनों से हो रही थी लेकिन निर्णय को लेने का साहस मोदी जी की सरकार में ही था. इसको राजनीतिक दृष्टि से न देखें. ऐसे देखें कि सरकार का कर्तव्य होता है कि लोगों की भावनाओं को समझें और उनकी जरूरतों को पूरा करें और सरकार ने अपना कर्तव्य निभाया.
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