![आजमगढ़ जा रहे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर रावण को पुलिस ने रोका आजमगढ़ जा रहे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर रावण को पुलिस ने रोका](https://c.ndtvimg.com/2020-08/b07vcmco_up-police-generic_650x400_16_August_20.jpg?downsize=773:435)
आजमगढ़ (Azamgarh) दलित प्रधान की हत्या (Dalit Pradhan Murder) के मामले में हत्यारे पुलिस की पकड़ से बाहर हैं. 'बेखौफ' हत्यारों ने हत्या के बाद प्रधान के घर पहुंचकर परिजनों को बताया था कि उन्होंने प्रधान को मार डाला है. गांव वालों ने आज हत्या के एक आरोपी के घर तोड़फोड़ भी की थी. इधर अब मामला तूल पकड़ता जा रहा है. आजमगढ़ जा रहे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर रावण सहित कई समर्थकों को प्रशासन ने आजमगढ़ बॉर्डर अतरौलिया पर ही रोक दिया है जिसके बाद चंद्रशेखर धरने पर बैठ गए हैं.
इससे पहले प्रधान के घरवालों से मिलने जा रहे कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को पुलिस ने रोक लिया और उनके घर नहीं जाने दिया. इसके विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया था. बताते चले कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की ओर से ये कांग्रेस कार्यकर्ता मारे गए प्रधान के परिजनों से मिलने जा रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें जाने नहीं दिया.कांग्रेस सांसद पीएल पूनिया ने कहा, वहां जाकर ये कार्यकता परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करना चाहते थे. पूछना चाहते थे कि जो भी सहायता मिलनी चाहिए थी मिली या नहीं मिली, सरकार और पुलिस का रवैया क्या है लेकन वहां नहीं जाने दे रहे हैं.
गौरतलब है कि आजमगढ़ के बांसगांव के दलित प्रधान सत्यमेव जयते को 14 अगस्त की शाम को गोलियों से भून दिया गया था. इसके बाद नाराज ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और इलाके की पुलिस चौकी फूंक दी. एक चश्मदीद ने बताया, 'हम पीछे थे और आगे उनकी मां घास काट रही थी. प्रधान की हत्या करने के बाद वे गाड़ी लेकर भाग गए.
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