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This Article is From Jan 25, 2016

उदय प्रकाश ने भी कहा, मैं साहित्य अकादमी पुरस्कार वापस लेने नहीं जा रहा

उदय प्रकाश ने भी कहा, मैं साहित्य अकादमी पुरस्कार वापस लेने नहीं जा रहा
उदय प्रकाश (फाइल फोटो)
जयपुर: हिन्दी कवि उदय प्रकाश ने अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार वापस लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने दावा किया कि ‘अवार्ड वापसी’ अभियान में शामिल लेखकों को अवार्ड फिर से स्वीकार करने के लिए राजी करके राजग सरकार महज अपनी छवि को फिर से स्थापित करने की कोशिश कर रही है।

जयपुर साहित्य महोत्सव से इतर उन्होंने कहा, जहां तक मेरा सवाल है तो मैं अपना पुरस्कार वापस नहीं लेने जा रहा। यहां तक कि नयनतारा सहगल ने भी अपना पुरस्कार वापस लेने से इनकार कर दिया है। वह देश में कथित रूप से ‘बढ़ती असहिष्णुता’ के खिलाफ पुरस्कार वापस लौटाने वाले पहले साहित्यकारों में शामिल थे। इसके बाद नयनतारा सहगल और अशोक वाजपेयी समेत अन्य प्रतिष्ठित लेखकों ने पुरस्कार वापस किया था।

उन्होंने कहा कि हैदराबाद में एक शोधार्थी की मृत्यु के केवल एक सप्ताह बाद लेखकों को अवार्ड वापस लेता देख वह दुखी हैं। प्रकाश ने कहा, व्यक्तिगत रूप से मेरा मानना है कि लेखकों ने बहुत जल्दी में यह निर्णय लिया है। उनको कुछ और समय तक प्रतीक्षा करनी चाहिए थी। लेकिन यह उन लोगों का व्यक्तिगत निर्णय है और मैं कोई टिप्पणी नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, जो लोग अपना पुरस्कार वापस ले रहे हैं वे शायद ऐसा नहीं करते लेकिन चूंकि अभियान का समर्थन बहुत लोगों ने किया और इसने बड़े आंदोलन का रूप ले लिया इसलिए दबाव में आकर उन्होंने अपना चेहरा बचाने के लिए ऐसा किया। साहित्य अकादमी ने हाल में इस बात की घोषणा की थी कि कुछ लेखक पुरस्कार वापस लेने को सहमत हो गए हैं, क्योंकि अकादमी के संविधान में एक बार अवार्ड देने के बाद उसे वापस स्वीकार करने का प्रावधान नहीं है। हालांकि नयनतारा सहगल और अशोक वाजपेयी ने अकादमी के इस दावे का खंडन किया है।

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