मंत्रियों के कारण एयर इंडिया की उड़ानों में ‘असुविधा’ पर पीएमओ ने रिपोर्ट मांगी

किरण रिजिजू की फाइल फोटो

नई दिल्‍ली:

गृहराज्य मंत्री किरण रिजिजू को जगह देने के लिए एयर इंडिया के एक विमान से तीन मुसाफ़िरों को उतारने और विमान द्वारा देरी से उड़ान भरने का मामला गरमा गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने नागर विमानन मंत्रालय से हाल ही में जितने भी वीआईपी लोगों के कारण विमान चलने में देरी हुई है, उस पर रिपोर्ट मांगी है।
 
रिजिजू ने इस दौरान मुसाफ़िरों को हुई दिक्कतों का सामना करने के लिए एनडीटीवी पर खेद जताया है। उन्होंने कहा, 'मेरे कारण अगर किसी को दिक्कत हुई हो, तो मैं इसके लिए माफ़ी मांगता हूं।' रिजिजू ने कहा, 'लेकिन 24 जून को लेह से चली एक फ़्लाइट को अपनी वीआइपी हैसियत से रुकवाने का विवाद इतने भर से ख़त्म होगा, ये नहीं लगता। वहीं उनके मंत्रालय के वरिष्ठ मंत्री भी कह चुके हैं कि ऐसा वीआइपी ट्रीटमेंट ठीक नहीं।

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह का कहना है, 'मैं नहीं चाहता कि मेरे कारण किसी को कोई परेशानी हो।' राजनाथ सिंह, जो गुरुवार को बाबा अमरनाथ के दर्शन करने पहुंचे थे, वह खुद भी दर्शन करने हेतु कतार में खड़े दिखाई दिए।
 
दिलचस्प ये है कि इस मामले में किरन रिजिजू के साथ सफ़र कर रहे जम्मू-कश्मीर के उप-मुख्यमंत्री निर्मल सिंह उल्टे पायलट पर ही बदसलूकी का आरोप लगा रहे हैं। निर्मल सिंह के मुताबिक, पायलट ने गलत व्यवहार किया।

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इस पूरे मामले में जो बातें सामने आ रही हैं, वह ये हैं कि जब विमान के दरवाज़े बंद हो चुके थे तो उस दौरान रिजिजू के लिए विमान रोका गया था और सिर्फ यही नहीं, एक बच्चे सहित तीन मुसाफ़िरों को विमान से उतारा गया। इसके अलावा, दस बज कर दस मिनट पर रवाना होने वाली फ्लाइट ने करीब सवा ग्यारह बजे उड़ान भरी।
 
अब विपक्ष ने इस वीआइपी ट्रीटमेंट पर सवाल खड़े किए हैं। इस मुद्दे पर बयानबाजी करने वाले कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह का कहना है कि मुझे रिजिजू से ये उम्मीद नहीं थी।
 
हर राजनैतिक पार्टी वीआईपी कल्चर ख़त्म करने का दावा करती है, लेकिन कोई भी पार्टी इस दावे को अमल नहीं करवा पाती। अक्सर उसके मंत्री या फिर उनके संतरियों के कारण आम नागरिकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। खैर, उम्मीद की जानी चाहिए कि इस किस्से के बाद सभी महानुभाव इससे सबक लेंगे।