प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को जम्मू-कश्मीर दौरे पर जाएंगे, अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री की यह जम्मू-कश्मीर यात्रा बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है. पीएम मोदी के सांबा में पल्ली पंचायत का रविवार को दौरा करने से एक दिन पहले शनिवार को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई. जैश ए मोहम्मद (JEM) के दो आत्मघाती हमलावरों और सुरक्षा बलों के बीच शुक्रवार को यहां भारी मुठभेड़ हुई थी.
जम्मू के सुंजवां सैन्य कैंप के पास मुठभेड़ के बाद केंद्रशासित प्रदेश में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है. मुठभेड़ के दौरान बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद से लैस दोनों आतंकवादियों को मार गिराया गया था. इससे एक बड़ा हमला टल गया. मुठभेड़ में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के एक अधिकारी भी शहीद हो गया और दो पुलिसकर्मियों सहित 9 अन्य घायल हो गए. सुरक्षाबलों ने शुक्रवार तड़के अर्धसैनिक बलों के जवानों को ले जा रही एक बस पर हमले के बाद आतंकवादियों को घेर लिया. इसके बाद मुठभेड़ हुई.
डीजीपी दिलबाग सिंह ने मुठभेड़ स्थल का दौरा करने के बाद कहा था कि दोनों आतंकी पाक के जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती दस्ते का हिस्सा थे और उनकी घुसपैठ प्रधानमंत्री मोदी की रविवार को पंचायती राज दिवस पर जम्मू-कश्मीर के दौरे को बाधित करने की एक बड़ी साजिश हो सकती है. अधिकारियों ने कहा कि जम्मू शहर से 17 किलोमीटर दूर पल्ली पंचायत को एक तरह से सील कर दिया गया है. सीमा सुरक्षा बल (BSF) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) सहित स्थानीय पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों को कड़ी निगरानी के लिए तैनात किया गया है.
उन्होंने कहा कि जम्मू-पठानकोट राजमार्ग से सिर्फ तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस स्थल को प्रधानमंत्री की रैली के लिए सुरक्षा व्यवस्था के तहत आम लोगों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है. मोदी का जम्मू-कश्मीर का यह दौरा, अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत मिले विशेष दर्जे को समाप्त करने और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के केंद्र सरकार के कदम के बाद केंद्र शासित प्रदेश का पहला दौरा है. अधिकारियों ने कहा कि रैली स्थल पर 30,000 से अधिक पंचायत सदस्यों सहित एक लाख से अधिक लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई है.
डीजीपी ने मुठभेड़ के बाद कहा था, यह मुठभेड़ प्रधानमंत्री के दौरे से दो दिन पहले हुई. यह जम्मू के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है और यह दौरे को बाधित करने की एक बड़ी साजिश हो सकती है.यह अच्छा है कि हमें समय पर गुप्त जानकारी मिली. शनिवार को सुरक्षा बलों को राजमार्ग के किनारे बारी ब्राह्मण से लेकर पल्ली चौक तक पूरे हिस्से में गश्त करते देखा गया, जिसे प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए बड़े होर्डिंग से सजाया गया है. कार्यक्रम स्थल की ओर जाने वाले विभिन्न स्थानों, जिला मुख्यालयों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों सहित अन्य स्थानों पर अतिरिक्त संयुक्त सुरक्षा जांच चौकियां बनाई गई हैं ताकि आतंकवादियों द्वारा हमले को अंजाम देने के किसी भी प्रयास को विफल किया जा सके.
राजमार्गों और अन्य सड़कों पर यात्रियों की भी पूरी तरह से जांच की जा रही है और उनकी तलाशी ली जा रही है. जम्मू शहर में शुक्रवार की मुठभेड़ के मद्देनजर सीमा सुरक्षा ग्रिड और राजमार्ग ग्रिड को भी मजबूत किया गया है. बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के अलावा सुरक्षा व्यवस्था में कुछ उच्च स्तरीय निगरानी उपकरण शामिल किए गए हैं ताकि सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. यातायात पुलिस जम्मू ने परामर्श में कहा है कि गेहूं काटने वाली मशीनों और लोड कैरियर्स सहित भारी भार वाहनों को 24 अप्रैल को राष्ट्रीय राजमार्ग (जम्मू-पठानकोट) के साथ-साथ रिंग रोड और आयोजन स्थल के आसपास के क्षेत्रों में नहीं ले जाने के लिए कहा गया है.
अगस्त 2019 के घटनाक्रम के बाद उम्मीद है कि प्रधानमंत्री द्वारा जम्मू क्षेत्र में अपनी पहली जनसभा के दौरान 70,000 करोड़ रुपये के औद्योगिक निवेश शुरू करने और दो बिजली परियोजनाओं सहित कुछ विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने की उम्मीद है.
मोदी ने 27 अक्टूबर, 2019 को राजौरी में और 3 नवंबर, 2021 को जम्मू संभाग के नौशेरा सेक्टर में सेना के जवानों के साथ दिवाली मनाई थी.
जम्मू-कश्मीर में प्रधानमंत्री के दौरे से पहले राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की. मोदी के दौरे के एक दिन पहले राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों के एक मोर्चा ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा और क्षेत्र में लोकतंत्र की तत्काल बहाली की मांग की. इस मोर्चा में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस भी शामिल हैं. द ऑल पार्टीज यूनाइटेड मोर्चा में कांग्रेस और नेकां के अलावा माकपा, भाकपा, डोगरा सदर सभा, यूनाइटेड पीस एलायंस और इंटनेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी शामिल हैं.
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