अपनी महत्वाकांक्षी योजना मेक इन इंडिया की राह आसान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज श्रम कानून में बड़े सुधारों के लिए श्रमेव जयते योजना को लॉन्च किया।
प्रधानमंत्री ने दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में एक कार्यक्रम के दौरान श्रम सुविधा पोर्टल, श्रम जांच योजना और कर्मचारी भविष्य निधि की सार्वभौमिक खाता संख्या के जरिए सामाजिक सुरक्षा की पोर्टेबिलिटी की शुरुआत की।
इंस्पेक्टर राज के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि अब एक कंप्यूटर यह तय करेगा कि अगले दिन निरीक्षक किसी जगह का निरीक्षण करेंगे। उन्होंने साथ ही कहा कि श्रम बल के बारे में कंपनियों को पहले 16 फॉर्म भरने पड़ते थे। अब सिर्फ एक ही फॉर्म भरने होंगे। यह फार्म ऑनलाइन भरा जा सकेगा।
उन्होंने नेशनल ब्रांड एंबेसडर फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग पर एक पुस्तिका और ऑल इंडिया स्किल कंपीटिशंस की एक स्मारिका भी जारी की।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से शुरू इस योजना के बारे में मोदी ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में श्रमेव जयते अहम है। सत्यमेव जैसी ताकत श्रमेव में भी है। श्रमिकों का गौरव सामूहिक जिम्मेदारी है। श्रम को लेकर नजरिया बदलना है और उन्हें इज्जत से देखना जरूरी है।
श्रम सुधारों की नई योजनाएं शुरू करते हुए मोदी ने कहा कि श्रमिक एक श्रम योगी है। आईटीआई के छात्रों में उम्मीद जगानी होगी, उन्हें हीन दृष्टि से देखा जाता है। हमने श्रम को उचित दर्जा नहीं दिया। शासन के साथ व्यवस्था भी बदलने की जरूरत है।
गौरतलब है कि उद्योग जगत लंबे वक्त से श्रम कानून में बदलाव की मांग करता रहा है और हाल ही में अमेरिका दौरे के दौरान भी कई सीईओ ने प्रधानमंत्री से कहा था कि भारत में व्यापार करने में श्रम कानून और लालफीताशाही उनके आड़े आती है।
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