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This Article is From Nov 25, 2020

हैदराबाद निकाय चुनावों के लिए पूरा जोर लगा रही बीजेपी, प्रचार अभियान में उतर सकते हैं प्रधानमंत्री...

स्‍थानीय निकाय के इन चुनावों के जरिये ही हैदराबाद के मेयर के बारे में फैसला होगा. पिछले म्‍युनिसिपल चुनाव में बीजेपी शहर के 150 वार्ड में से केवल चार में जीत हासिल कर पाई थी.

हैदराबाद निकाय चुनावों के लिए पूरा जोर लगा रही बीजेपी, प्रचार अभियान में उतर सकते हैं प्रधानमंत्री...
पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह हैदराबाद के निकाय चुनावों में प्रचार के लिए उतर सकते हैं
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
इन चुनावों के जरिये होगा हैदराबाद के मेयर का फैसला
तेलंगाना में अपने लिए अवसर मान रही बीजेपी
उपचुनाव मे पार्टी के KCR के 'गढ़' में हासिल की जीत
हैदराबाद:

हैदराबाद में इस बार कुछ 'अभूतपूर्व' देखने को मिल सकता है. पीएम नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi), गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा और पार्टी के अन्‍य शीर्ष नेता हैदराबाद के निकाय चुनावों (Hyderabad Civic Polls) में प्रचार (Campaign) के लिए उतर सकते हैं. इन चुनावों पर पार्टी ने अपना पूरा ध्‍यान केंद्रित कर दिया और इस पर अपने सभी संसाधनों का इस्‍तेमाल करने के लिए तैयार है. ग्रेटर हैदराबाद म्‍युनिसिपल कार्पोरेशन (GHMC) के चुनाव 1 दिसंबर में होने हैं. प्रधानमंत्री से गृह मंत्री, अन्‍य केंद्रीय मंत्रियों और मुख्‍यमंत्रियों को बीजेपी ने प्रचार के लिए आमंत्रित किया है. यहां तक कि यूपी के फायरब्रांड मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को स्‍टार प्रचारक के रूप में रखा गया है.

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स्‍थानीय निकाय के इन चुनावों के जरिये ही हैदराबाद के मेयर के बारे में फैसला होगा. पिछले म्‍युनिसिपल चुनाव में बीजेपी शहर के 150 वार्ड में से केवल चार में जीत हासिल कर पाई थी. मुख्‍यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की तेलंगाना राष्‍ट्र समिति (टीआरएस) ने 99 वार्ड में जीत हासिल की थी जबकि असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM ने 44 में जीत हासिल की थी. कांग्रेस के खाते में दो जबकि टीडीपी के खाते में एक वार्ड आया था.

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ऐसे में पिछले चार साल में बीजेपी के लिए स्थिति में क्‍या बदलाव आया है? इसका जवाब हाल में राज्‍य के डुबका (Dubbaka) में हुए उपचुनाव में बीजेपी की जीत से जोड़कर देखा जा रहा है. यह क्षेत्र सीएम यानी केसीआर का 'गढ़' माना जाता है लेकिन बीजेपी ने यहां पर 1000 वोट से जीत हासिल की. इस जीत को बीजेपी, राज्‍य में अपने लिए स्थिति बदलने के संकेत के तौर पर देख रही है. वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्‍य में केवल एक सीट गोशामहल में जीत हासिल की थी. पिछले साल हुए लोसभा चुनाव में तेलंगाना की 17 में चार सीटों पर उसे जीत मिली, इससे पाटी आत्‍मविश्‍वास से लबरेज हैं. डुबका की जीत ने उसके लिए संभावनाएं खोली हैं, पार्टी का आत्‍मविश्‍वास बढ़ने का एक और कारण यह है कि राज्‍य के वित्‍त मंत्री हरीश राव ने डुबका चुनाव में टीआरएस के लिए प्रभारी की जिम्‍मेदारी संभाली थी. राव की छवि बेहतरीन चुनाव रणनीतिकार के रूप में है लेकिन इसके बावजूद उनकी पार्टी को यहां हार का सामना करना पड़ा. सूत्र बताते हैं कि बीजेपी तेलंगाना में अपने लिए अवसर देख रही है, वह यहां विपक्ष के रूप में अपने लिए संभावनाएं देख रही है. राज्‍य में कांग्रेस पार्टी बेहद कमजोर हुई है.बीजेपी नेता मानते हैं कि निकाय चुनाव, टीआरएस को चुनौती देने के लिए लिहाज से 'पहला कदम' होगा.

गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी की चुनावी बिसात तैयार करने वाले भूपेंद्र यादव को पार्टी ने हैदराबाद निकाय चुनाव के लिए अहम जिम्मेदारी देने का फैसला किया है. भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) ने बिहार में एनडीए की जीत सुनिश्चित करने और भाजपा के बेहतरीन प्रदर्शन में अहम भूमिका निभाई है. BJP ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निकाय चुनाव के लिए कई अन्य राज्यों के नेताओं को भी जिम्मा सौंपा है.

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