पाकिस्‍तान दौरे पर जा सकते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय उच्‍चायुक्‍त ने दी जानकारी

पाकिस्‍तान दौरे पर जा सकते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय उच्‍चायुक्‍त ने दी जानकारी

नवाज शरीफ के साथ पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

खास बातें

  • जिनके घर शीशे के हों उन्हें दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए
  • आपको अपनी समस्याओं को सुलझाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए
  • पाकिस्तान को भारत को भी सर्वाधिक तरजीही वाले देश का दर्जा देना चाहिए
नई दिल्‍ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवंबर में पाकिस्‍तान में होने वाले सार्क सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने जा सकते हैं, मंगलवार को भारतीय उच्‍चायुक्‍त गौतम बम्बावाले की प्रकाशित टिप्‍पणियों से यह जानकारी मिली है. यह पूछे जाने पर कि क्या मोदी नवंबर में दक्षेस शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए पाकिस्तान का दौरा करेंगे, गौतम बम्बावाले ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री दक्षेस शिखर सम्मेलन के लिए इस्लामाबाद यात्रा को लेकर आशान्वित हैं.’’

डॉन के अनुसार उन्होंने कहा कि हालांकि दोनों देशों के बीच काफी तनाव है, लेकिन संचालनात्मक स्तर पर संपर्क रहे हैं. बम्बावाले ने हालांकि जोर देकर कहा कि यह आज की स्थिति है और उन्‍हें नहीं पता कि आने वाले दिनों में परिस्थितियां कैसी होंगी. बम्बावाले ने सोमवार को कराची में एक कार्यक्रम में उन्‍होंने कहा, 'मैं भविष्‍य के बारे में नहीं बता सकता, लेकिन आज पीएम मोदी नवंबर में इस्‍लामाबाद में होने वाले सार्क सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने को लेकर आशान्वित हैं.' वरिष्‍ठ अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, विशेषकर जम्‍मू कश्‍मीर के हालात को लेकर पाकिस्‍तान के साथ तनाव को देखते हुए.

बम्बावाले ने कश्मीर को भारत का आंतरिक मामला बताते हुए पाकिस्तान पर निशाना साधा और कहा कि जिनके खुद के घर शीशे के हों उन्हें दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए. कश्मीर मुद्दे और हाल में बलूचिस्तान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए बम्बावाले ने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों के भीतर समस्याएं हैं. उन्होंने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि जिनके खुद के घर शीशे के हों उन्हें दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए.

कश्मीर को भारत का आंतरिक मामला बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान दोनों में समस्याएं हैं और आपको अन्य देशों की समस्याओं में झांकने की बजाय अपनी समस्याओं को सुलझाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.’’ मोदी के बयान के बारे में राजनयिक ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त के अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में केवल उन्हें प्राप्त हुए पत्रों का जिक्र किया था.’’ बम्बावाले सोमवार को ‘कराची काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस’ द्वारा आयोजित संवाद सत्र में बोल रहे थे.

उन्होंने कहा कि भारत सरकार कहती रही है, ‘‘हमें आतंकवाद के जड़ से सफाए के लिए मिलकर काम करना चाहिए जो न सिर्फ पाकिस्तान, बल्कि भारत और विश्व के लिए भी सिरदर्द है.’’ बम्बावाले ने कहा कि दोनों देशों को महज एक मुद्दे पर नहीं, बल्कि सभी मुद्दों पर बात करनी चाहिए.

पिछले डेढ़ महीने में भारतीय और पाकिस्तानी सीमा बलों के बीच ‘‘सौहार्दपूर्ण’’ चर्चाएं हुई हैं. दक्षेस की भी कई बैठक हुई हैं. बम्बावाले ने पाकिस्तान और भारत के बीच व्यापक व्यापार का भी आह्वान किया और कहा कि राजनीतिक मुद्दों के समाधान में समय लगेगा. उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान को भारत को भी सर्वाधिक तरजीही वाले देश का दर्जा देना चाहिए.

बम्बावाले ने कहा, ‘‘व्यापार मेलों में अधिक भागीदारी होनी चाहिए तथा और अधिक पाकिस्तानयिों को भारत की यात्रा करनी चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कोई विकल्प नहीं है, लेकिन इसे कदम दर कदम किया जाना चाहिए.’’ भारतीय राजनयिक ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने का मार्ग वृहतर व्यापार और कारोबार से होकर गुजरता है.


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