प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुवाहाटी में 10 जनवरी को सरकार के 'खेलो इंडिया यूथ गेम्स' के उद्घाटन समारोह में नहीं जाने का फैसला किया है. पीएम मोदी ने खेल मंत्रालय के साथ साथ असम सरकार को सूचित किया है कि वो समारोह का उद्घाटन करने में सक्षम नहीं होंगे. सूत्रों ने बताया कि असम सरकार ने गृह मंत्री अमित शाह से भी कहा था लेकिन वह भी नहीं जा रहे. सरकार के नागरिकता कानून के विरोध में असम में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं. ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) और नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स यूनियन (Neso) जैसे छात्र संगठनों ने पीएम मोदी और अमित शाह के पूर्वोत्तर भारत के किसी भी हिस्से का दौरा करने के खिलाफ चेतावनी दी है.
सरकार ने खेलो इंडिया को राष्ट्रीय महत्व का कार्यक्रम घोषित किया है. करीब 6800 एथलीटों के इन खेलों में हिस्सा लेने की उम्मीद है.
केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजीजू ने मंगलवार को कहा, 'हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि खेलो इंडिया गेम्स केवल एक इवेंट नहीं है बल्कि यह एक आंदोलन है. युवाओं के बीच खेल और फिटनेस को बढ़ावा देना और युवा एथलीटों को खेल के सपने को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करने के लिए माता-पिता को संवेदनशील बनाना भारत को खेल महाशक्ति बनाने की दिशा में पहला कदम है. खेलो इंडिया गेम्स को राष्ट्रीय महत्व का इवेंट घोषित किया जाना उस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.'
पिछले माह जापान के पीएम शिंजो आबे का भारत दौरा रद्द कर दिया गया था क्योंकि भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी के साथ उन्हें गुवाहाटी में जिस वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेना था, वह सीएए के विरोध में हो रहे भारी प्रदर्शनों के चलते स्थगित कर दिया गया था.
उस समय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर बताया था कि 'दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से दौरे की तारीख बदलने का फैसला किया.'
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