केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के विवादास्पद बयान पर लोकसभा में लगातार दूसरे दिन विपक्ष ने सरकार को घेरा और कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामदल समेत विपक्षी दलों ने मंत्री को बर्खास्त करने तथा प्रधानमंत्री से जवाब देने की मांग की।
प्रश्नकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के चलते सदन की कार्यवाही करीब 11 बजकर 37 मिनट पर पौने 12 बजे तक के लिए स्थगित भी करनी पड़ी। प्रश्नकाल समाप्त होने पर विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
प्रश्नकाल में विपक्षी दल के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर संबंधित मंत्री के इस्तीफे की मांग और नारेबाजी करने लगे। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि मंगलवार को इस विषय पर बातें हो चुकी हैं, सदस्य अपने विचार रख चुके हैं। उन्होंने कहा, आपको बोलने दिया गया है। अब कृपया सदन को चलने दें। शून्यकाल में अपनी बात रखें।
स्पीकर ने यह भी कहा कि सदस्यों के मुख से कुछ बातें निकल जाती हैं, लेकिन सभी को इसका ध्यान रखना चाहिए। स्पीकर ने कहा, खेदजनक है कि मुझे हंगामे के दौरान सदन चलाना पड़ता है। मैं सबका सहयोग चाहती हूं।
इस पर सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मंगलवार को प्रधानमंत्री सदन में नहीं थे। आज प्रधानमंत्री आए हैं। एक मंत्री ने ऐसा बयान दिया है। उन्होंने अपना अपराध मान लिया है। अब प्रधानमंत्री बताएं कि माफी मांगने वाले मंत्री पर क्या कार्रवाई की गई।
संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा, खड़गे ने कल इस विषय को उठाया था। इसके बाद जैसे ही आपने (अध्यक्ष ने) संकेत (निर्देश) दिया, मैंने मंत्री से बात की। मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने सदन में आकर कहा कि गलती हो गई, ऐसा नहीं होना चाहिए था। इसके बाद यह विषय समाप्त होता है।
उन्होंने कहा कि पूर्व में भी यूपीए सरकार के एक मंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में सदन में और सदन के बाहर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी और माफी मांगने से इनकार कर दिया था। तब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को बाद में माफी मांगनी पड़ी थी। इसी तरह लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान तृणमूल कांग्रेस के एक सदस्य ने कथित तौर पर महिलाओं के बारे में अभद्र टिप्पणी कर दी थी। तब उनकी पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ने उनकी निंदा की थी।
नायडू ने कहा, इस मामले में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे अस्वीकार्य बता चुके हैं। जब कल यह मामला पूरा खत्म हो चुका था और सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चल रही थी, तब हैरानी की बात है कि आज अचानक यह विषय कहां से आ गया। इन बातों को छोड़कर आगे बढ़ें। प्रश्नकाल समाप्त होते ही हंगामा कर रहे कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्य सदन से वाकआउट कर गए।
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