अमेरिका के टेक्सास के शहर ह्यूस्टन में आयोजित 'हाउडी मोदी' (Howdy Modi) कार्यक्रम में हजारों की भीड़ ने हिस्सा लिया. पीएम मोदी (PM Modi) का भाषण सुनकर ऐसा लग रहा था कि जैसे वह किसी चुनावी रैली को संबोधित करने आए हों. वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी देखकर ऐसा लग रहा था कि वह अगले साल होने जा रहे चुनाव के मूड में है और वहां आए हजारों की संख्या में भारतीय-अमेरिकी को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं. आपको बता दें कि अमेरिका में भारतीय समुदाय के लोग अब इतनी संख्या में हैं कि उनके वोट चुनाव के नतीजों को प्रभावित कर सकते हैं. लेकिन इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी का एक बयान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए मुश्किल बन सकता है और विरोधी भारत के प्रधानमंत्री के बयान को मुद्दा बन सकते हैं. पिछले अमेरिका चुनाव (2016) से पहले भारत में हुए लोकसभा चुनाव (2014) के दौरान 'अबकी बार मोदी सरकार' का नारा बहुत चला था और नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री भी बन गए. इसी तर्ज पर भारतीय-अमेरिकियों को लुभाने के लिए डोनाल्ड ट्रंप ने भी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान एक वीडियो जारी किया और कहा, 'अबकी बार ट्रंप सरकार' और इस चुनावी नारे ने भारतीय समुदाय को खूब लुभाया.
इसी बात पर रविवार को जब पीएम मोदी ह्यूस्टन में भारतीय समुदाय को संबोधित कर रहे थे तो उन्होंने इस नारे को फिर याद दिलाया, 'अबकी बार ट्रंप सरकार'. पीएम मोदी ने स्टेडियम में मौजूद भारतीय मूल के लोगों को याद दिलाया कि ट्रंप ने कहा था, ‘अबकी बार ट्रंप सरकार '. उन्होंने कहा कि ट्रंप के शासनकाल में व्हाइट हाउस में दीवाली मनाया जाना भी अनोखा रहा. चुनाव से ठीक पहले किसी बाहरी देश के नेता का ऐसा बयान जो चुनाव में इस्तेमाल किया जा चुका है, अमेरिका में चुनाव में दखल देने का मुद्दा बन सकता है. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने भी उनके बयान पर आपत्ति जताई है कि इस तरह के बयान दोनों देशों की संप्रभुता और लोकतंत्र में दखलंदाजी है. उन्होने कहा कि आप (पीएम मोदी) हमारे प्रधानमंत्री के तौर पर हैं और न कि ट्रंप के स्टार प्रचारक के तौर पर.
Our relationship with the United States of America have throughout been bipartisan, vis-à-vis Republicans and Democrats. Your actively campaigning for Trump is a breach of both India and America as sovereign nations and democracies.
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) September 22, 2019
गौरतलब है कि साल 2016 में हुए अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव विवादों से अछूता नहीं रहा है. इस चुनाव में रूस के दखल पर सीधे-सीधे आरोप लग चुका है. हालांकि व्हाइट हाउस प्रशासन ने इसको सिरे कई बार कर चुका है और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इसे बकवास बताया. ट्रंप ने कहा, "वह (हिलेरी क्लिंटन) अपने पुराने तौर तरीकों की वजह से हार गईं. वह एक भयावह उम्मीदवार थीं. मामला यहीं खत्म होता है." ट्रंप ने डिप्टी अटॉर्नी जनरल रॉड रोसेनस्टेन का हवाला देकर ट्वीट कर कहा, "डिप्टी ए.जी.रॉड रोसेनस्टेन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'दोषारोपण में कोई आरोप नहीं लगाया गया है कि इस गैरकानूनी गतिविधि में अमेरिका का कोई नागरिक जान बूझकर शामिल हुआ था. कोई आरोप नहीं है कि इससे चुनाव नतीजों पर असर प्रभाव पड़ा. वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी एक साक्षात्कार में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अगर किसी रूसी नागरिक ने दखल किया तो इससे उनका कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के प्रयासों को क्रेमलिन से जोड़कर नहीं देखा जा सकता.
Russia, Russia, Russia! That's all you heard at the beginning of this Witch Hunt Hoax...And now Russia has disappeared because I had nothing to do with Russia helping me to get elected. It was a crime that didn't exist. So now the Dems and their partner, the Fake News Media,.....
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) May 30, 2019
जब पीएम मोदी ने कहा, अबकी बार ट्रंप सरकार
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