विज्ञापन
This Article is From Aug 10, 2016

पीएम मध्‍यप्रदेश से कश्‍मीर के हालातों पर बोले, लेकिन सदन में बयान नहीं दिया: गुलाम नबी आजाद

पीएम मध्‍यप्रदेश से कश्‍मीर के हालातों पर बोले, लेकिन सदन में बयान नहीं दिया: गुलाम नबी आजाद
नई दिल्‍ली: कश्‍मीर के हालातों पर राज्‍यसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता और प्रतिपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि 'इससे पहले भी सदन में कश्‍मीर के हालात को लेकर चर्चा और दलितों के साथ बढ़ी उत्‍पीड़न की घटनाओं को लेकर भी चर्चा हुई, लेकिन पीएम ने कभी भी सदन में इस पर बयान नहीं दिया, बल्कि वे मध्‍यप्रदेश से कश्‍मीर के हालातों पर बोले.'

उन्‍होंने इस मसले पर चर्चा कराने के लिए विपक्ष की तरफ से सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह का धन्‍यवाद किया. उन्‍होंने कहा कि 'मुझे याद है कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसी मुद्दे पर एक महीने के सत्र में चौथी बार चर्चा हो रही है. इससे पहले इस सदन में भी कश्‍मीर के हालात को लेकर चर्चा हुई. हमने मांग की थी कि पीएम जोकि खुद सत्र के दौरान सुबह 10 या साढ़े दस बजे आकर संसद में अपने कमरे में बैठते हैं. लेकिन वे दोनों सदनों से इतने नजदीक होकर भी उनसे सबसे ज्‍यादा दूर हैं. उनके कमरे से लोकसभा और राज्‍यसभा में आने में चंद सेंकेड/मिनट लगते हैं, लेकिन उनके न आने के चलते यह दूरी कई हजार किलोमीटर बन जाती है.'

आजाद ने आगे कहा कि 'हमने बार-बार कहा कि इस चर्चा के दौरान पीएम सदन में आएं, लेकिन उन्‍होंने मध्‍य प्रदेश से यह मुद्दा उठाया, न कि संसद में आकर.' हालांकि इस दौरान आजाद ने कहा कि 'मैं कहना नहीं चाहता लेकिन, जबसे आप कश्‍मीर में आए हैं, वहां आग लग गई.' इस पर सत्‍ता पक्ष के सदस्‍यों ने नाराज होकर जमकर हंगामा किया. वित्‍त मंत्री अरुण जेटली के समझाने के बाद ही सदस्‍य शांत हुए और चर्चा आगे बढ़ी.

इस मुद्दे पर आगे बोलते हुए आजाद ने कहा कि 'मैं अटल बिहारी वाजपेयी जी की बहुत कद्र करता हूं. कश्‍मीर की आजादी और जम्हूरियत की बात उन्‍हीं के मुंह से अच्‍छी लगती थी... औरों के नहीं.' उन्‍होंने आगे कहा कि 'कश्‍मीर को केवल वहां की खूबसूरती के लिए प्‍यार मत करो, बल्कि वहां के लोगों से भी प्‍यार कीजिए.'

वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि 'हमारी मंशा कश्‍मीर में पिछले 32-33 दिन से लागू कर्फ्यू को गंभीरता से लेने और हिंसा में मारे गए और जख्‍मी हुए लोगों के अलावा सुरक्षा बल के जवानों के प्रति संवेदना जताने की है. आजाद ने सदन में कहा कि ' हम तमाम राजनीतिक दलों को कश्‍मीर के लोगों के दर्द में शामिल होना चाहिए और पूरे सदन को अपील करनी चाहिए कि वो मिलकर कश्‍मीर में अमन बहाल करें.'

वहीं, टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि 'देश और लोगों के बीच भेद मत कीजिए. हमें गृह मंत्रालय के आंकड़ों से परे जाने की जरूरत है. आज कश्मीर में इंटरनेट की पहुंच 25 प्रतिशत से अधिक है. विशेषज्ञ पैनल को दो महीने में नहीं, बल्कि दो दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करनी चाहिए.'

जदयू के वरिष्‍ठ नेता शरद यादव ने सदन में कहा कि 'कश्‍मीर का सवाल भी हमें हल करना पड़ेगा. हमने फैसला किया था कि बडे़ पैमाने पर कश्‍मीर के नौजवानों को देश भर में पढ़ाई के अवसर दिए जाएंगे, लेकिन आज कितने नौजवान पढ़ाई करने के लिए रह गए और कितने वापस चले गए? यह जरूर बताया जाना चाहिए. हम कश्‍मीर के लोगों के साथ बराबरी का सलूक कर ही उन्‍हें साथ खड़ा कर सकते हैं.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
कश्‍मीर के हालात, गुलाम नबी आजाद, संसद, राज्‍यसभा, पीएम नरेंद्र मोदी, Kashmir Crisis, Ghulam Nabi Azad Elections 2014, Parliament, PM Narendra Modi
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com