पीएम नरेंद्र मोदी ने किसानों की कर्जमाफी पर बोलते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि किसानों को सशक्त बनाने के लिए उनके कर्ज माफ करने के बजाए लंबित सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करना पसंद करेंगे। मोदी ने झारखंड के पलामू में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब उन्होंने मई 2014 में सत्ता हासिल की थी तो उन्होंने पाया था कि कई सिंचाई परियोजनाएं 30 से 40 वर्षो से लंबित पड़ी थीं.छह सिंचाई परियोजनाओं की आधारशिला रखने के बाद उन्होंने कहा, "हमारी सरकार ने 90 हजार करोड़ रुपये की लागत से लंबित पड़ीं 99 सिंचाई परियोजनाओं पर काम शुरू किया है. हमारी सरकार ने कर्ज माफ करने के बजाए सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करना पसंद किया।"मोदी ने कहा कि उत्तरी कोयल (मंडल) सिंचाई परियोजना पर काम 1972 में शुरू हुआ था और 1993 में समाप्त हुआ। यह सिंचाई परियोजना अब बिहार व झारखंड का एक संयुक्त उपक्रम है.
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प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे झारखंड में 19,000 हेक्टेयर सहित कुल 111,000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी. उन्होंने कहा कि 1972 में परियोजना की लागत 30 करोड़ रुपये थी, जो अब बढ़कर 2,400 करोड़ रुपये हो गई है. उन्होंने कहा, "सिंचाई परियोजनाओं को लंबित रखना पिछली सरकार के हिस्से की आपराधिक लापरवाही है."
मोदी ने कहा, "कैसे एक सिंचाई परियोजना को 50 साल के लिए लंबित रखा जा सकता है? पिछली सरकार ने किसानों को वोट बैंक के रूप में देखा, जबकि हमारी सरकार ने उन्हें अन्नदाता माना."कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, "पिछली सरकार ने पहले किसानों को कर्ज लेने के लिए मजबूर किया और अब वह कर्ज माफ करने का ड्रामा कर रही है."
उन्होंने कहा, "हमारी सरकार कृषि भूमि की सिंचाई सुनिश्चित कर किसान को मजबूत करने और उन्हें सशक्त बनाने में विश्वास रखती है."मोदी ने सहकारी संघवाद का उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास का धन्यवाद किया.उन्होंने कहा, "मैं मंडल बांध परियोजना शुरू करने के लिए दोनों मुख्यमंत्रियों का धन्यवाद करता हूं. यह उस वक्त हो रहा है, जब कई राज्य पानी को लेकर लड़ रहे हैं और मामले सर्वोच्च न्यायालय में हैं."
मोदी ने बिना कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिए उनपर निशाना साधा.उन्होंने कहा, "जो किसानों के लिए चिंता दिखा रहे हैं, उन्हें पता नहीं होगा कि कोयल क्या है? वे इस बात को लेकर असमंजस में होंगे कि क्या यह कोई चिड़िया का नाम है या कुछ और."उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों के नाम पर आवास योजनाएं शुरू करने के लिए भी कांग्रेस पर निशाना साधा.
मोदी ने कहा, "मैंने आवास योजना का नाम बदला, ताकि प्रधानमंत्री आवास योजना किसी भी प्रधानमंत्री के अंतर्गत चलती रहे. पहले बिचौलिए आवास योजना में सक्रिय थे.अब हर चीज पारदर्शी तरीके से हो रही है। आवास योजना की लाभार्थी अब महिलाएं हैं."पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संदर्भ में उन्होंने कहा, "पांच साल से कम समय में हमने 1.25 करोड़ घर बनाएं हैं, जबकि मैडम नियंत्रित सरकार में केवल 25 लाख घर ही बने थे."
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