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This Article is From Apr 13, 2018

SC/ST ऐक्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सफ़ाई

दिल्ली में अंबेडकर स्मारक के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री ने मेट्रो की राह चुनी. उद्घाटन के बाद कहा कि एससी-एसटी ऐक्ट में गिरफ़्तारी के पुराने नियम बने रहेंगे.

SC/ST ऐक्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सफ़ाई
अंबेडकर स्मारक के उद्घाटन के दौरान लोगों को संबोधित करते पीएम मोदी
नई दिल्‍ली: भारत सरकार बार-बार कह रही है कि उसने एससी-एसटी ऐक्ट में बदलाव को लेकर रिव्यू पिटीशन डालने में देरी नहीं की. लेकिन दलित संगठन इस दावे पर सवाल उठा रहे हैं. सरकार को भी दलितों में बढ़ती नाराज़गी का एहसास है. दिल्ली में अंबेडकर स्मारक के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री ने मेट्रो की राह चुनी. उद्घाटन के बाद कहा कि एससी-एसटी ऐक्ट में गिरफ़्तारी के पुराने नियम बने रहेंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "(सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद) तुरंत सरकार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की लेकिन बहुत लोगों को पता नहीं है कि जजमेन्ट और याचिका के बीच 6 दिन की छुट्टी थी. मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जिस कानून को हमारी सरकार ने सख्त किया है उसपर प्रभाव नहीं पड़ने दिया जाएगा."

देश में दलितों की बढ़ती नाराज़गी से सरकार परेशान है. शुक्रवार को पटना में कानून मंत्री ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफ़ाई दी. रविशंकर प्रसाद ने भी कहा कि ये कहना गलत होगा कि सरकार ने देरी की... देश में दलितों में भ्रम फैलाया जा रहा है. लेकिन दलित शोषण मुक्ति मंच ने कानून मंत्री को जवाब देने में देरी नहीं की, कहा कि देश में दलितों की बढ़ती नाराज़गी से सरकार दबाव में है... और कोर्ट में सरकार के रुख पर सवाल उठ दिया.

दलित शोषण मुक्ति मंच के सदस्य विक्रम सिंह ने कहा, "सरकार ने 13 दिन बाद क्यों पुनर्विचार याचिका दायर की? सरकार ने 2 अप्रैल को पुनर्विचार याचिका दायर की जब पूरे देश में दलितों का आक्रोश बढ़ चुका था." दलित शोषण मुक्ति मंच की टीम ग्वालियार में 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान हिंसा की जांच कर लौटी है. उनका दावा है कि पुलिस अब तक 300 दलित युवाओं को गिरफ्तार कर चुकी है जबकि खुलेआम बंदूक लेकर शहर में घूम रहे राजा राम चौहान को आज तक गिरफ्तार नहीं किया गया.

VIDEO: ग्राउंड रिपोर्ट : राजस्‍थान में पुलिस पर दलितों के दमन का आरोप

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