यह ख़बर 11 नवंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

नेहरू के जयंती समारोह में नरेंद्र मोदी को नहीं बुलाया कांग्रेस ने

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की 125वीं जयंती पर आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय अधिवेशन में कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित नहीं किया है।

नेहरू की विरासत और उनके विश्व के प्रति दर्शन पर विचार-विमर्श करने के लिए कांग्रेस की ओर से 17 और 18 नवंबर को दो दिन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें अनेक अंतरराष्ट्रीय नेता और भारत तथा विदेश से कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शिरकत करेंगे।

कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने इस समारोह में मोदी को आमंत्रित करने या नहीं करने के मीडियाकर्मियों के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, 'हमने प्रधानमंत्री को आमंत्रित नहीं किया है। हमने उन सभी को आमंत्रित किया है जो वाकई लोकतंत्र और नेहरू के विचारों में भरोसा रखते हैं।'

रोचक बात यह है कि कांग्रेस ने इस आयोजन के लिए विशेष रूप से शुरू की गई वेबसाइट पर भाजपा के पहले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा नेहरू की प्रशंसा में कहे गये कथन को जगह दी है।

शर्मा ने कहा, 'क्या हमने अटल बिहारी वाजपेयी को महत्व नहीं दिया। हम उन सभी लोगों को महत्व दे रहे हैं, जिन्होंने कुछ सार्थक कहा है। एक राजनीतिक दल के तौर पर हमें इस बात का निर्णय लेने की आजादी है कि कौन नेहरू के विचारों का समर्थन करता है।'

सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस भाजपा और उसके सहयोगी दलों के किसी नेता को आयोजन में आमंत्रित नहीं करेगी। कांग्रेस ने मोदी पर आरोप लगाया है कि वह विशेष योजनाएं शुरू करके महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल और नेहरू जैसे स्वतंत्रता आंदोलन के नेताओं पर अपना हक जमाने की कोशिश कर रहे हैं और इन नेताओं की विरासत से ध्यान हटाने का प्रयास कर रहे हैं।

नेहरू की 125वीं जयंती पर समारोहों के लिए नई सरकार के सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय समिति का पुनर्गठन किया गया है।

शर्मा ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में भारत में लोकतंत्र, समावेश और सशक्तिकरण पर नेहरू के विचारों पर चर्चा की जाएगी। यह आयोजन समकालीन वैश्विक चुनौतियों के परिप्रेक्ष्य में नेहरू के विश्व के संबंध में दर्शन और उनकी विरासत को प्रदर्शित करने का मंच प्रदान करेगा।

कांग्रेस अलग से आयोजन कर रही है, वहीं सरकार पहले ही संकेत दे चुकी है कि वह 'बाल स्वच्छता वर्ष' जैसे अनेक आयोजनों के जरिये 'चाचा नेहरू' के बारे में जागरूकता लाने के लिए व्यापक तौर पर इस साल नेहरू की 125वीं जयंती मनाएगी।

शर्मा ने कहा, 'नेहरू की 125वीं जयंती मनाना कांग्रेस की जिम्मेदारी नहीं है। हम सरकार के अधीन नहीं हैं। स्वतंत्रता सेनानियों और हमारे नेताओं की गरिमा को कायम रखने की बात आएगी तो न तो हम सरकार के सामने फरियाद करेंगे और न ही कोई मांग करेंगे।'

कांग्रेस नेता से पूछा गया था कि क्या एआईसीसी इस सर को सरकार के साथ टकराव का मुद्दा बनाने का प्रयास कर रही है और क्या वह सरकार से इस मौके पर बेहतर आयोजन की मांग करेगी।

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नेहरू जयंती के लिए मनमोहन सिंह सरकार के समय बनाई गयी सरकारी समिति में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी थीं। उन्होंने मई में ही समिति छोड़ी थी। नई सरकार के आने के बाद पुनर्गठित समिति में गांधी परिवार से कोई भी सदस्य नहीं है।