रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की. दोनों देशों के नेताओं के बीच हैदराबाद हाउस में ये मुलाकात हुई. पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के रिश्ते अब तक के सबसे मजबूत दौर में हैं. दोनों देशों के राष्ट्र प्रमुखों के बीच दो साल बाद यह सीधी मुलाकात हो रही है. पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच पुराना सहयोग रहा है. हालांकि कोरोना काल में दोनों देशों के बीच का सालाना शिखर सम्मेलन नहीं हो पाया था. पीएम मोदी और व्लादीमीर पुतिन के बीच बैठक के पहले दोनों देशों के रक्षा मंत्री और विदेश मंत्रियों के बीच भी मुलाकात हुई है.
पीएम मोदी और व्लादीमीर पुतिन के बीच दो साल बाद यह आमने-सामने की मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है. इस दौरे में कई अहम रक्षा समझौते हो सकते हैं. दोनों देशों के बीच कुछ वक्त पहले हुआ एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम का समझौता बेहद चर्चा में रहा है. अमेरिका ने इस समझौते को लेकर भारत पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी थी. हालांकि भारत इससे पीछे नहीं हटा.
रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली पर दबावों को दरकिनार करते हुए भारत जिस तरह से आगे बढ़ा है, वह दिखाता है कि एक संप्रभु राष्ट्र होने के नाते वो किसी दबाव के आगे न झुकते हुए अपने हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय़ ले सकता है. पीएम मोदी ने कहा, कोरोना काल की चुनौतियों के बावजूद भारत और रूस के रिश्तों में लगातार मजबूती आई है. हमारे विशेष रणनीतिक साझेदारी लगातार मजबूत हुई है.
पीएम मोदी ने कहा, पिछले कुछ दशकों में दुनिया में कई बुनियादी बदलाव हुए हैं. साथ ही कई भूराजनीतिक समीकरण उभरे हैं, लेकिन इस बीच भारत और रूस की मित्रता लगातार स्थायी रही है. दोनों देशों के बीच संबंध अद्वितीय और भरोसेमंद रहे हैं और दूसरों के लिए उदाहरण हैं.
वर्ष 2018 में एस-400 को लेकर डील हुई थी. पीएम मोदी ने कहा कि रूस भारत का भरोसेमंद साझेदार रहा है. अफगानिस्तान से जुड़े मुद्दों पर 2+2 वार्ता में चर्चा हुई है. चीन को लेकर भारत औऱ रूस के अलग-अलग नजरिये को लेकर भी यह मुलाकात बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
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