अफगानिस्तान मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अहम बैठक की. इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल मौजूद थे. पीएम के लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर यह मुलाकात हुई.ताजा घटनाक्राम के तहत पंजशीर घाटी पर पूरी तरह से नियंत्रण के तालिबान के दावे के बाद यह बैठक हो रही है. हालांकि विद्रोही गुट नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट ने कहा कि पंजशीर घाटी में तालिबान के खिलाफ लड़ाई "जारी रहेगी." पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह और अफगान गौरिल्ला कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे, अहमद मसूद की अगुवाई में यहां अफगान नेशनल रेसिस्टेंट फ्रंट के लड़ाके, तालिबान का मुकाबला कर रहे थे.
तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एक बयान में कहा, "इस जीत से हमारा देश पूरी तरह से युद्ध के दलदल से बाहर निकल गया है." सोशल मीडिया पर सामने आ रही तस्वीरों में तालिबान के लड़ाके पंजशीर के प्रांतीय गवर्नर के परिसर के गेट के सामने खड़े नजर आ रहे हैं.
तालिबानी प्रवक्ता ने बाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "इस्लामिक अमीरात विद्रोह को लेकर बहुत संवेदनशील है. किसी ने भी अगर विद्रोह शुरू करने की कोशिश की तो सख्ती से निपटा जाएगा. हम किसी को ऐसा करने की अनुमति नहीं देंगे."अफगानिस्तान की अशरफ गनी सरकार को हटाने के बाद और अमेरिकी सुरक्षा बलों की 20 साल बाद अफगान से वापसी का जश्न मनाते हुए तालिबान ने पंजशीर घाटी की रक्षा कर रहे लड़ाकों को कुचलने की कोशिश शुरू की थी.
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