गोवा में प्रधानमंत्री मोदी
पणजी:
गोवा में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के शिलान्यास के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर मंच से नोटबंदी के फैसले पर अपनी बात रखी. इस मौके पर वह कई दफे भावुक होते नज़र आए और भाषण के अंत तक उनकी आंखों से आंसू भी झलक आए. 500 और 1000 के नोट बंद होने पर जनता को होने वाली असुविधा की बात करते हुए पीएम मोदी ने भावुक होते हुए कहा कि उन्होंने भी गरीबी देखी है और वह परेशानी को समझ सकते हैं. पीएम मोदी ने कहा 'किसी को तकलीफें होती है तो मुझे भी होती है. मैंने बुराइयों को निकट से देखा है. देश के लिए मैंने अपना घर परिवार छोड़ा है, अपना सब कुछ देश के नाम कर दिया है.'
आगे अपनी बात रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा 'मैंने देश से सिर्फ पचास दिन मांगे है, 30 दिसंबर तक का वक्त दीजिए. उसके बाद अगर मेरी कोई गलती निकल जाए, गलत इरादे निकल जाए, कोई कमी रह जाए तो जिस चौराहे पर खड़ा करेंगे खड़ा होकर, देश जो सजा देगा उसे भुगतने के लिए तैयार हूं.'
हालांकि भाषण के बीच पीएम का मज़ाकिया अंदाज़ भी दिखाई दिया और सभागार तालियों से गूंज उठा जब उन्होंने कहा कि 'कई लोग चेहरे पर हंसी दिखा रहे हैं, कह रहे हैं कि मोदी जी ने अच्छा किया. लेकिन फिर दूसरे ही पल किसी दोस्त को फोन करके पूछ रहे हैं कि कोई रास्ता है क्या. मोदीजी ने तो सारे रास्ते बंद कर दिए हैं. भिखारी भी मना कर रहा है कि हज़ार का नोट नहीं चाहिए.'
भाषण के अंत में जनता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री के आंखों से आंसू बहने लगे और उन्होंने जनता से भावुक अपील करते हुए कहा कि यह अंत नहीं है. भ्रष्टाचार बंद करने के लिए मेरे दिमाग में और भी प्रोजेक्ट चल रहे हैं. ईमानदारी के काम में मेरा साथ दीजिए.' उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि 'मैं जानता हूं मैंने कैसी कैसी ताकतों से लड़ाई मोल ले ली है. जानता हूं कैसे लोग मेरे खिलाफ हो जाएंगे. मुझे ज़िंदा नहीं छोड़ेंगे, मुझे बर्बाद कर देंगे. लेकिन मैं हार नहीं मानूंगा. आप सिर्फ 50 दिन मेरी मदद करें. मेरा साथ दें.'
आगे अपनी बात रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा 'मैंने देश से सिर्फ पचास दिन मांगे है, 30 दिसंबर तक का वक्त दीजिए. उसके बाद अगर मेरी कोई गलती निकल जाए, गलत इरादे निकल जाए, कोई कमी रह जाए तो जिस चौराहे पर खड़ा करेंगे खड़ा होकर, देश जो सजा देगा उसे भुगतने के लिए तैयार हूं.'
हालांकि भाषण के बीच पीएम का मज़ाकिया अंदाज़ भी दिखाई दिया और सभागार तालियों से गूंज उठा जब उन्होंने कहा कि 'कई लोग चेहरे पर हंसी दिखा रहे हैं, कह रहे हैं कि मोदी जी ने अच्छा किया. लेकिन फिर दूसरे ही पल किसी दोस्त को फोन करके पूछ रहे हैं कि कोई रास्ता है क्या. मोदीजी ने तो सारे रास्ते बंद कर दिए हैं. भिखारी भी मना कर रहा है कि हज़ार का नोट नहीं चाहिए.'
भाषण के अंत में जनता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री के आंखों से आंसू बहने लगे और उन्होंने जनता से भावुक अपील करते हुए कहा कि यह अंत नहीं है. भ्रष्टाचार बंद करने के लिए मेरे दिमाग में और भी प्रोजेक्ट चल रहे हैं. ईमानदारी के काम में मेरा साथ दीजिए.' उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि 'मैं जानता हूं मैंने कैसी कैसी ताकतों से लड़ाई मोल ले ली है. जानता हूं कैसे लोग मेरे खिलाफ हो जाएंगे. मुझे ज़िंदा नहीं छोड़ेंगे, मुझे बर्बाद कर देंगे. लेकिन मैं हार नहीं मानूंगा. आप सिर्फ 50 दिन मेरी मदद करें. मेरा साथ दें.'
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