केंद्र का राज्यों को निर्देश: लॉकडाउन और शटडाउन के नियमों को सख्ती से करें लागू

देश में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच सरकार की तरफ से ये निर्देश प्रधान मंत्री के उस ट्वीट के बाद जारी किया गया है जिसमे मोदी ने कहा था की लॉकडाउन को कई लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. PM ने कहा कि लोग लॉकडाउन को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.

केंद्र का राज्यों को निर्देश: लॉकडाउन और शटडाउन के नियमों को सख्ती से करें लागू

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ लोग लॉक डाउन को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.

खास बातें

  • कुछ लोग लॉकडाउन और शटडाउन को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं
  • पीएम मोदी ने ट्वीट कर रही थी यह बात
  • पीएम के ट्वीट के बाद केंद्र ने राज्यों को दिया निर्देश
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश जारी किया है कि वो लॉकडाउन और शटडाउन के नियमों को सख्ती से लागु करें. देश में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच सरकार की तरफ से ये निर्देश प्रधान मंत्री के उस ट्वीट के बाद जारी किया गया है जिसमे मोदी ने कहा था की लॉकडाउन को कई लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि लोग देश में लॉकडाउन को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. मोदी ने एक ट्वीट के जरिए लोगों से अपील करते हुए कहा, 'लॉकडाउन को अभी भी कई लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. कृपया करके अपने आप को बचाएं, अपने परिवार को बचाएं, निर्देशों का गंभीरता से पालन करें. राज्य सरकारों से मेरा अनुरोध है कि वो नियमों और कानूनों का पालन करवाएं.'

प्रधान मंत्री के इस ट्वीट के कुछ ही मिनटों बाद  सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक रिलीज़ जारी कर कहा, 'राज्यों को कहा गया है की वो लॉकडाउन को सख्ती से लागू करें, नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए. जाहिर है, कोरोनावायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं और साथ ही सरकार की चिंता भी. इस बीच प्रधान मंत्री ने कोरोनावायरस के आर्थिक असर की समीक्षा के लिए उद्योग संघों के प्रतिनिधियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हालत का जायज़ा लिया. 

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PMO की तरफ से जारी एक रिलीज़ के मुताबिक प्रधान मंत्री ने कहा, कोरोनावायरस का उद्योग जगत पर बुरा असर पड़ रहा है लेकिन इसके बावजूद रोज़गार में कोई कटौती नहीं करनी चाहिए. ज़रूरी सामान का उत्पादन नहीं रुकना चाहिए. कालाबाज़ारी और जमाखोरी को रोकना ज़रूरी है. कंपनियां महामारी के असर से लोगों को बचाने के लिए CSR फंड्स का इस्तेमाल करें.' इससे साफ है कि सरकार के सामने दोहरी चुनौती है. एक तरफ चुनौती कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने की और दूसरी तरफ इसके आर्थिक प्रकोप से करोड़ों लोगों के रोज़गार और नौकरियों को बचाने की.