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This Article is From Oct 15, 2016

पीएम मोदी और चिनफिंग ने की आतंक पर चर्चा, मसूद अजहर पर कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं

पीएम मोदी और चिनफिंग ने की आतंक पर चर्चा, मसूद अजहर पर कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं
बेनौलिम (गोवा): भारत ने शनिवार को चीन से स्पष्ट तौर पर कहा कि आतंकवाद से मुकाबले के मुद्दे पर देशों के बीच मतभेद नहीं हो सकते. भारत ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिबंधित करने की राह में बीजिंग की ओर से अटकाए जा रहे रोड़े पर भी अपनी चिंताएं चीन के सामने रखीं.

अजहर को प्रतिबंधित कराने के भारत के कदम पर चीन की ओर से लगाई गई रोक की पृष्ठभूमि में हुई द्विपक्षीय मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी चिंनपिंग को भारत के नजरिए से अवगत कराया.

रविवार को होने जा रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर हुई द्विपक्षीय मुलाकात के दौरान शी ने खुलासा किया कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी पर दोनों देशों के बीच दूसरे दौर की वार्ता जल्द ही होगी जिसमें नई दिल्ली को 'मतभेदों' में कमी आने की उम्मीद है. शी ने कहा कि वार्ता मददगार होगी.

बैठक के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने पत्रकारों को बताया कि आतंकवाद के मुद्दे पर मोदी ने शी से कहा कि 'भारत और चीन दोनों आतंकवाद से पीड़ित हैं और क्षेत्र इस समस्या से जूझ रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी देश आतंकवाद से अछूता नहीं है और इस मुद्दे पर हम मतभेद नहीं रख सकते.'

उन्होंने कहा, 'यूएन 1267 समिति के संदर्भ में खास तौर पर भारत और चीन को अपना सहयोग बढ़ाना चाहिए और साझा जमीन तलाशने की कोशिश करनी चाहिए.' उधर चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों को अपनी सुरक्षा वार्ता और साझेदारी को मजबूत करना चाहिए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके कहा, 'राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ मेरी बैठक सार्थक रही. हमने भारत-चीन रिश्तों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की.' विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत और चीन ने मुख्य मुद्दे के तौर पर आतंकवाद की पहचान की.

चीन में भारतीय दूत विजय गोखले ने कहा, पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी चिंनफिंग इस बात पर सहमत हुए कि आतंकवाद क्षेत्र के लिए अभिशाप है. विदेश मंत्रालय ने कहा, संयुक्त राष्ट्र में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगवाने के लिए आगे बढ़ने के संबंध में हम चीन से बातचीत कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि चीन को इसमें तार्किकता दिखेगी.

प्रतिष्ठित परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के लिए नई दिल्ली के प्रयास पर भारत और चीन जल्दी ही वार्ता करेंगे, जिसमें उम्मीद है कि 'मतभेदों' में कमी आएगी.

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि एनएसजी में भारत के प्रवेश के मुद्दे पर दूसरे दौर की बातचीत जल्दी ही होगी. एनएसजी में भारत के प्रवेश पर चीन को आपत्ति है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ब्रिक्स सम्मेलन से इतर बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, 'यह मददगार होगा. राष्ट्रपति शी ने प्रधानमंत्री से कहा.'

इस बारे में पूछे जाने पर कि क्या भारत की सदस्यता के मुद्दे पर चीन के रुख में नरमी आयी है, स्वरूप ने कहा, 'यह दर्शाता है कि बातचीत होनी है, अच्छी रणनीतिक बातचीत. निश्चित रूप से इससे मतभेदों में कमी आएगी.'

यह पूछे जाने पर कि क्या चीन ने एनएसजी की सदस्यता विभिन्न पक्षों के बीच सर्वसम्मति से होने के मुद्दे पर अपना रुख दोहराया है, उन्होंने जवाब दिया, 'नहीं.'

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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