हर्षिल में जवानों के साथ दीवाली मनाने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi) बुधवार को जवानों के साथ दीवाली( Diwali ) मनाने के लिए उत्तराखंड के हर्षिल (Harsil valley) गांव पहुंचे. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने जवानों (Army Soldier) को अपने साथ से मिठाई खिलाकर उनका उत्साह बढ़ाया. कहा कि वे उन तमाम माता-पिता और गुरुजनों को नमन करते हैं, जिन्होंने आप जैसे वीर पुत्रों को जन्म दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के वीर जवानों के साथ दीवाली मनाना उनका सौभाग्य है. उन्होंने प्रकाश पर्व दीपावली के महात्म्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जहां प्रकाश होता है, वहां बुरे कर्म का किसी के मन में ख्याल नहीं आता, मगर अंधेरा बुरा कर्म करने के लिए सुविधाजनक होता है. बुरे कर्म वाले अंधेरे को ही ज्यादा पसंद करते हैं. उन्होंने जवानों की तुलना दीये से करते हुए कहा कि जिस तरह दीया खुद जलकर प्रकाश करता है उसी तरह आप भी अपने आपको कष्ट देकर वह प्रकाश फैलाते हैं, जो देश में अभय पैदा करता है.
आइटीबीपी( ITBP) के साथ रिश्ता पुराना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चिरपरिचित अंदाज में यहां आइटीबीपी के साथ रिश्ता भी जोड़ते हुए इस सवाल का जवाब भी दिया कि वह प्रधानमंत्री बनने के बाद जवानों के बीच क्यों दीवाली मनाते हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब भी वह गुजरात की सरहद पर जाकर बीएसएफ वालों के साथ जाकर दीवाली मनाते रहे. प्रधानमंत्री बनने के बाद वह हर बार जवानों के साथ दीवाली मनाकर खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं. क्योंकि वह जवानों से बहुत प्रभावित हैं.
पीएम मोदी ने आइटीबीपी के साथ अपना पुराना रिश्ता बताते हुए एक वाकये का जिक्र किया. बोले कि जब कैलाश मानसरोवर यात्रा यात्रा शुरू हुई तो वह शुरुआत में गए थे. करीब 39-45 दिनों तक आइटीबीपी के जवानों के साथ बिताना यादगार अनुभव रहा. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भले ही जवानों का काम कंधे पर बंदूक रखकर सुरक्षा करने का था, मगर मैंने देखा कि जवान कभी यात्रियों का भारी सामान उठाते थे तो कभी बीमार लोगों को चढ़ाई में मदद करते थे. क्लाइमेट के कारण जिन लोगों को vomiting(उल्टी) होती थी, उनके खाने-पीने का भी ध्यान रखते थे. इतना ही नहीं भोलेबाबा का मनोहारी गीत भी यात्रियों के साथ बैठकर जवान गाते थे. 39-45 दिनों की यात्रा में लगा कि जैसे मैं आइटीबीपी परिवार का सदस्य बन गया हूं.
आइटीबीपी( ITBP) के साथ रिश्ता पुराना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चिरपरिचित अंदाज में यहां आइटीबीपी के साथ रिश्ता भी जोड़ते हुए इस सवाल का जवाब भी दिया कि वह प्रधानमंत्री बनने के बाद जवानों के बीच क्यों दीवाली मनाते हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब भी वह गुजरात की सरहद पर जाकर बीएसएफ वालों के साथ जाकर दीवाली मनाते रहे. प्रधानमंत्री बनने के बाद वह हर बार जवानों के साथ दीवाली मनाकर खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं. क्योंकि वह जवानों से बहुत प्रभावित हैं.
पीएम मोदी ने आइटीबीपी के साथ अपना पुराना रिश्ता बताते हुए एक वाकये का जिक्र किया. बोले कि जब कैलाश मानसरोवर यात्रा यात्रा शुरू हुई तो वह शुरुआत में गए थे. करीब 39-45 दिनों तक आइटीबीपी के जवानों के साथ बिताना यादगार अनुभव रहा. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भले ही जवानों का काम कंधे पर बंदूक रखकर सुरक्षा करने का था, मगर मैंने देखा कि जवान कभी यात्रियों का भारी सामान उठाते थे तो कभी बीमार लोगों को चढ़ाई में मदद करते थे. क्लाइमेट के कारण जिन लोगों को vomiting(उल्टी) होती थी, उनके खाने-पीने का भी ध्यान रखते थे. इतना ही नहीं भोलेबाबा का मनोहारी गीत भी यात्रियों के साथ बैठकर जवान गाते थे. 39-45 दिनों की यात्रा में लगा कि जैसे मैं आइटीबीपी परिवार का सदस्य बन गया हूं.
#WATCH Playout from Uttarakhand: PM Modi addresses the Jawans of the Indian Armed Forces at Harsil. https://t.co/AtDb6cQnDr
— ANI (@ANI) November 7, 2018
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