चेन्नई:
कुडनकुलम न्यूक्लियर प्लांट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एसपी उदय कुमार ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लीगल नोटिस भेजा है। प्रधानमंत्री को यह नोटिस उनके एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू के आधार पर, जिसमें उन्होंने कहा था कि कुडनकुलम प्लांट का विरोध करने वालों की मदद अमेरिकी एनजीओ कर रहा है। उदयकुमार के वकील ने कहा कि प्रधानमंत्री के बयान का कोई आधार नहीं है और उनके बयान से उदयकुमार को ठेस पहुंची है।
उधर, कुडनकुलम परमाणु बिजली परियोजना (केएनपीपी) की सुरक्षा पहलुओं की जांच के लिए तमिलनाडु सरकार द्वारा गठित चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति ने मंगलवार को राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। जबकि परियोजना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों के लिए कथित रूप से अनुदान जुटाने का काम कर एक जर्मन नागरिक को उसके देश भेज दिया गया।
पीपुल्स मूवमेंट अगेंस्ट न्यूक्लियर एनर्जी (पीएमएएनई) ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कानूनी नोटिस भेजा है। मामले में पीएमएएनई बुधवार को मुख्यमंत्री जे. जयललिता से मिलेगा।
समिति की रिपोर्ट तथा अनुशंसाओं के बारे में समिति के सदस्य तथा परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष एमआर श्रीनिवासन ने कहा, "समिति राज्य सरकार ने गठित की थी। समिति ने सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है। यह अब सरकार की सम्पत्ति है और मुझे रिपोर्ट की बातें बताने की आजादी नहीं है।" उन्होंने कहा कि रिपोर्ट पर अब राज्य सरकार को निर्णय लेना है। यह पूछे जाने पर कि क्या समिति कुडनकुलम स्थित दो रूसी रिएक्टरों की सुरक्षा को लेकर अपने पूर्व के विचार पर अड़ी है, उन्होंने कहा, "संयंत्र की सुरक्षा को लेकर पूर्व के बयान से हम पीछे नहीं हट रहे।" उल्लेखनीय है कि पूर्व में समिति के सदस्यों ने केएनपीपी का दौरा करने के बाद रूसी रिएक्टरों को सुरक्षित बताया था।
वहीं, समिति के संयोजक इनियान ने कहा, "हमने कुडनकुलम में तथा उसके आसपास ग्रामीणों के डर को शांत करने के लिए राज्य सरकार को कुछ सलाह दी है।"
यह पूछे जाने पर कि क्या समिति ने अपनी रिपोर्ट में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की रिपोर्ट से कुछ तथ्य लिए हैं, इनियान ने कहा, "हमने अपने सुझाव रखे हैं, किसी और रिपोर्ट से तथ्य नहीं लिए।"
कलाम ने अपनी रिपोर्ट में कुडनकुलम तथा आसपास के गांवों में स्कूल, अस्पताल, युवाओं रियायती दरों पर ऋण की व्यवस्था करने जैसे उपाय सुझाए हैं।
परियोजना का विरोध कर रहे पीएमएएनई ने बुधवार को मुख्यमंत्री जे. जयललिता से मिलने की बात कही है। पीएमएएनई के नेता एम. पुष्पारायन ने कहा, "हम उन्हें समिति के साथ अपनी बैठक तथा लोगों की भावना के बारे में बताएंगे।"
तमिलनाडु से एक जर्मन नागरिक को वापस उसके देश भेज दिया गया। आरोप है कि वह तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु बिजली परियोजना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों के लिए अनुदान जुटाने का काम कर रहा था।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि जर्मन नागरिक सोनतेग रीनर हर्मन का वीजा रद्द हो गया था। उसे मंगलवार सुबह विमान से जर्मनी वापस भेज दिया गया। उसे सोमवार रात चेन्नई लाया गया था।
नई दिल्ली में जर्मनी के राजदूत कॉर्ड मीयर कोड ने कहा कि उनकी सरकार इस मुद्दे पर भारत सरकार के सम्पर्क में नहीं है। संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा, "हमें घटना के बारे में टेलीविजन चैनलों के माध्यम से इसकी जानकारी सुबह मिली।"
उधर, केएनपीपी के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन को विदेशी गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) से वित्तीय मदद मिलने के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान पर पीपुल्स मूवमेंट अगेंस्ट न्यूक्लियर एनर्जी (पीएमएएनई) के समन्वयक एसपी उदयकुमार ने मंगलवार को उन्हें कानूनी नोटिस भेजा।
ज्ञात हो कि अमेरिका की प्रतिष्ठित पत्रिका 'साइंस' को हाल ही में दिए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में जारी केएनपीपी के विरोध-प्रदर्शन के पीछे अमेरिका और स्कैनडिनेवियन के एनजीओ हैं जो परियोजना के विरोध के लिए स्थानीय एनजीओ का वित्त पोषण कर रही हैं।
प्रधानमंत्री के इस बयान का हवाला देते हुए उदयकुमार के वकील एम. राधाकृष्णन ने प्रधानमंत्री को भेजे नोटिस में कहा, "मेरे मुवक्किल के खिलाफ ऐसा बयान देने का कोई आधार नहीं है जो कि परियोजना के विरोध-प्रदर्शन के समन्वयक हैं।"
राधाकृष्णन ने प्रधानमंत्री के बयान को झूठा करार दिया और कहा कि ऐसा बयान उनके मुवक्किल की प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचाने के लिए दिया गया है।
(इनपुट एजेंसियों से भी)
उधर, कुडनकुलम परमाणु बिजली परियोजना (केएनपीपी) की सुरक्षा पहलुओं की जांच के लिए तमिलनाडु सरकार द्वारा गठित चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति ने मंगलवार को राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। जबकि परियोजना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों के लिए कथित रूप से अनुदान जुटाने का काम कर एक जर्मन नागरिक को उसके देश भेज दिया गया।
पीपुल्स मूवमेंट अगेंस्ट न्यूक्लियर एनर्जी (पीएमएएनई) ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कानूनी नोटिस भेजा है। मामले में पीएमएएनई बुधवार को मुख्यमंत्री जे. जयललिता से मिलेगा।
समिति की रिपोर्ट तथा अनुशंसाओं के बारे में समिति के सदस्य तथा परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष एमआर श्रीनिवासन ने कहा, "समिति राज्य सरकार ने गठित की थी। समिति ने सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है। यह अब सरकार की सम्पत्ति है और मुझे रिपोर्ट की बातें बताने की आजादी नहीं है।" उन्होंने कहा कि रिपोर्ट पर अब राज्य सरकार को निर्णय लेना है। यह पूछे जाने पर कि क्या समिति कुडनकुलम स्थित दो रूसी रिएक्टरों की सुरक्षा को लेकर अपने पूर्व के विचार पर अड़ी है, उन्होंने कहा, "संयंत्र की सुरक्षा को लेकर पूर्व के बयान से हम पीछे नहीं हट रहे।" उल्लेखनीय है कि पूर्व में समिति के सदस्यों ने केएनपीपी का दौरा करने के बाद रूसी रिएक्टरों को सुरक्षित बताया था।
वहीं, समिति के संयोजक इनियान ने कहा, "हमने कुडनकुलम में तथा उसके आसपास ग्रामीणों के डर को शांत करने के लिए राज्य सरकार को कुछ सलाह दी है।"
यह पूछे जाने पर कि क्या समिति ने अपनी रिपोर्ट में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की रिपोर्ट से कुछ तथ्य लिए हैं, इनियान ने कहा, "हमने अपने सुझाव रखे हैं, किसी और रिपोर्ट से तथ्य नहीं लिए।"
कलाम ने अपनी रिपोर्ट में कुडनकुलम तथा आसपास के गांवों में स्कूल, अस्पताल, युवाओं रियायती दरों पर ऋण की व्यवस्था करने जैसे उपाय सुझाए हैं।
परियोजना का विरोध कर रहे पीएमएएनई ने बुधवार को मुख्यमंत्री जे. जयललिता से मिलने की बात कही है। पीएमएएनई के नेता एम. पुष्पारायन ने कहा, "हम उन्हें समिति के साथ अपनी बैठक तथा लोगों की भावना के बारे में बताएंगे।"
तमिलनाडु से एक जर्मन नागरिक को वापस उसके देश भेज दिया गया। आरोप है कि वह तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु बिजली परियोजना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों के लिए अनुदान जुटाने का काम कर रहा था।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि जर्मन नागरिक सोनतेग रीनर हर्मन का वीजा रद्द हो गया था। उसे मंगलवार सुबह विमान से जर्मनी वापस भेज दिया गया। उसे सोमवार रात चेन्नई लाया गया था।
नई दिल्ली में जर्मनी के राजदूत कॉर्ड मीयर कोड ने कहा कि उनकी सरकार इस मुद्दे पर भारत सरकार के सम्पर्क में नहीं है। संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा, "हमें घटना के बारे में टेलीविजन चैनलों के माध्यम से इसकी जानकारी सुबह मिली।"
उधर, केएनपीपी के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन को विदेशी गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) से वित्तीय मदद मिलने के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान पर पीपुल्स मूवमेंट अगेंस्ट न्यूक्लियर एनर्जी (पीएमएएनई) के समन्वयक एसपी उदयकुमार ने मंगलवार को उन्हें कानूनी नोटिस भेजा।
ज्ञात हो कि अमेरिका की प्रतिष्ठित पत्रिका 'साइंस' को हाल ही में दिए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में जारी केएनपीपी के विरोध-प्रदर्शन के पीछे अमेरिका और स्कैनडिनेवियन के एनजीओ हैं जो परियोजना के विरोध के लिए स्थानीय एनजीओ का वित्त पोषण कर रही हैं।
प्रधानमंत्री के इस बयान का हवाला देते हुए उदयकुमार के वकील एम. राधाकृष्णन ने प्रधानमंत्री को भेजे नोटिस में कहा, "मेरे मुवक्किल के खिलाफ ऐसा बयान देने का कोई आधार नहीं है जो कि परियोजना के विरोध-प्रदर्शन के समन्वयक हैं।"
राधाकृष्णन ने प्रधानमंत्री के बयान को झूठा करार दिया और कहा कि ऐसा बयान उनके मुवक्किल की प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचाने के लिए दिया गया है।
(इनपुट एजेंसियों से भी)