दूसरे चरण के मतदान के बीच उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. एक याचिका दाखिल कर उत्तर प्रदेश ग्राम पंचायत राज चुनाव पर कोरोना के हालात देखते हुए रोक लगाने की मांग की गई है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका डाली गई है. हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव को COVID-19 मामलों की बढ़ती संख्या के बीच जारी रखने की अनुमति दी थी.
याचिकाकर्ता सचिन यादव की याचिका में कहा गया है कि राज्य चुनाव आयोग राज्य सरकार के कर्मचारियों को प्रशिक्षण के लिए रिपोर्ट करने का निर्देश दे रहा है, जोकि पर्याप्त सामाजिक दूरी के साथ नहीं किया जा रहा है. कोरोना मामलों में वृद्धि और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पर बोझ हवाला देते हुए याचिकाकर्ता ने चुनावों पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की है. याचिकाकर्ता ने कहा है कि चुनाव तभी कराए जाएं जब राज्य में हालत सामान्य हों.
इसके अतिरिक्त, याचिकाकर्ता यह भी चाहता है कि राज्य में चुनावों के आगे के चरणों को तब तक रोक दिया जाए जब तक कि राज्य चुनाव आयोग को राज्य चिकित्सा विभाग और स्वतंत्र डॉक्टरों द्वारा सलाह न दी जाए और चुनाव के शेष चरणों को पूरा करने के लिए स्थिति 'अनुकूल' है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में आज ही पंचायत चुनाव के दूसरे चरण के तहत मतदान हो रहा है. राज्य के 20 जिलों में आज सुबह 7 बजे से मतदान जारी है और शाम 6 बजे तक चलेगी. इस चरण में 22,3000 से ज्यादा सीटों पर तीन लाख 48 हजार से अधिक प्रत्याशियों के लिए आज वोटिंग हो रही है. तीन करोड़ 23 लाख से ज्यादा मतदाताओं के नाम वोटिंग लिस्ट में हैं.
पंचायत चुनावों में मतदान के दौरान कोविड-19 संबंधी प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराने के आदेश हैं. मतदान केंद्रों के बाहर मतदाताओं के खड़े होने के लिए छह-छह फीट की दूरी पर घेरे बनाए गए हैं. कोरोना के चलते मतदान केंद्रों पर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य किया गया है. हालांकि, जिस तरह से कोविड का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है उसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका डाली गई है.
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