
शहाबुद्दीन का फाइल फोटो...
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
लंबित सभी मामलों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये करने की मांग.
यह अपील सीवान के चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू ने दायर की है.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह शहाबुद्दीन की जमानत खारिज की थी.
उच्चतम न्यायालय ने पिछले सप्ताह पटना उच्च न्यायालय द्वारा शहाबुद्दीन को हत्या के एक मामले में जमानत देने का फैसला रद्द करते हुए कहा था कि रिहा करने के विवेक का इस्तेमाल 'सामान्य तरीके से नहीं' बल्कि 'न्यायपूर्ण तरीके' से होना चाहिए.
शहाबुद्दीन को बिहार के बाहर किसी जेल में स्थानांतरित करने के लिए न्यायालय में अपील सीवान के चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू ने दायर की है, जिनके तीन बेटे दो अलग-अलग घटनाओं में मारे गए. उनका आरोप है कि बिहार की जेलों में शहाबुद्दीन को बंद करने के बाद भी उसे जेलों के नियम कानूनों का उल्लंघन करने से नहीं रोका जा सका और जेल प्रशासनों की मिलीभगत से वह सजा से एक तरह से मुक्त रहा.
अपील में कहा गया है 'याचिकाकर्ता अपने तीसरे पुत्र की हत्या का प्रत्यक्षदर्शी गवाह है, जिसे प्रतिवादी संख्या तीन (शहाबुद्दीन) ने मारा, क्योंकि वह अपने दो भाइयों की हत्या का प्रत्यक्षदर्शी गवाह था. तीसरे पुत्र की हत्या के मामले में सुनवाई अभी लंबित है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
शहाबुद्दीन, सुप्रीम कोर्ट, बिहार, बिहार आरजेडी, पटना हाईकोर्ट, Shahabuddin, Supreme Court (SC), Bihar, RJD, Patna High Court