राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी के छह विधायकों के कांग्रेस में विलय (BSP MLAs merger in Congress) को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई बंद (Supreme Court concludes case) कर दी है. कोर्ट ने कहा कि दिलावर सिंह की याचिका अब प्रभावहीन हो गई है क्योंकि मामले में अब हाईकोर्ट का फैसला आ चुका है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिका का निस्तारण कर दिया है. स्पीकर के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राजस्थान हाईकोर्ट ने स्पीकर को बीएसपी विधायकों की अयोग्यता के मामले का निपटारा करने के लिए समय दिया है.
दरअसल. सोमवार को ही राजस्थान हाई कोर्ट की एकल जज पीठ ने छह बीएसपी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका का फैसला करने के लिए स्पीकर को तीन महीने का समय दे दिया है. हाईकोर्ट ने इस मामले में BJP विधायक मदन दिलावर और BSP की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि पहले स्पीकर को फैसला करना चाहिए.
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल BSP विधायकों के कांग्रेस में विलय के स्पीकर के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. कोर्ट का कहना था कि चूंकि फिलहाल हाईकोर्ट मामले पर सुनवाई कर रहा है, ऐसे में वो इस मामले में दखल नहीं देगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वो राजस्थान हाईकोर्ट की एकल पीठ के फैसले का इंतजार करेगा.
बीएसपी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अंतरिम आदेश जारी करते हुए स्पीकर के आदेश पर रोक लगाए. पार्टी ने कहा था कि हाईकोर्ट में इस मामले को जानबूझ कर लंबा खींचा जा रहा है. वहीं, बीजेपी विधायक मदन सिंह दिलावर की तरफ से सतपाल जैन ने कहा कि सितंबर, 2019 में अध्यक्ष द्वारा पारित आदेश 'बहुत ही दिलचस्प मजाक' है
दरअसल, BJP विधायक मदन सिंह दिलावर ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. दिलावर की याचिका का निस्तारण करते हुए हाईकोर्ट की डबल बेंच ने मामले को सिंगल बेंच के समक्ष भेज दिया था.
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