जम्मू-कश्मीर के बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव अभियान में व्यापक पैमाने पर कई एजेंसियों के साथ ही आज नौसेना के कमांडो को भी पहली बार तैनात किया गया। घाटी में टेलीफोन सेवा ध्वस्त होने से स्थिति और भी कठिन हो गई है, जिसे दुरुस्त करने में 72 घंटे लग सकते हैं।
इस दौरान घाटी में आज बारिश नहीं हुई, लेकिन राज्य में गुरुवार तक हुई बारिश से श्रीनगर एवं कुछ अन्य शहरों में बाढ़ के पानी के स्तर में कमी नहीं आई है, जिससे लाखों फंसे लोगों को बचाने में बचाव एजेंसियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। श्रीनगर का बड़ा हिस्सा जलमग्न है और दर्जनों नावों को इन इलाकों में तैनात किया गया है।
छह दशक में राज्य में आई इस सबसे भीषण बाढ़ से प्रभावित कई इलाकों में लोग घर की छतों और अपने घर के ऊपरी तल पर शरण लिए हुए हैं।
रक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि पहली बार दक्षिण कश्मीर में राहत एवं बचाव अभियान शुरू किया गया और वायुसेना के हेलीकॉप्टरों एवं परिवहन विमानों ने कई उड़ानें भरीं। अभी तक करीब 22 हजार लोगों को बचाया गया है, जिनमें 2000 लोग श्रीनगर एवं आसपास के इलाकों के हैं। वायुसेना ने बचाव एवं राहत अभियान के लिए 45 विमान और हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं।
जिन लोगों को बचाया गया है उनमें 1400 सैनिक एवं उनके परिजन हैं जो श्रीनगर के बादामीबाग कैंट स्थित मुख्यालय के बाढ़ की चपेट में आने से फंसे हुए थे।
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