पत्रकारों और बुद्धिजीवियों पर देशद्रोह के तहत कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी

पत्रकारों और बुद्धिजीवियों पर देशद्रोह के तहत कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी

सुप्रीम कोर्ट का फाइल फोटो...

खास बातें

  • NGO कॉमन कॉज ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की.
  • इस तरह के केस सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्‍लंघन है : एनजीओ ने कहा
  • कोर्ट ऐसे केसों में DGP या कमिश्नर ऑफ पुलिस से आदेश लेने को अनिवार्य बनाए
नई दिल्‍ली:

देशभर में पत्रकारों और बुद्धिजीवियों व एक्टिविस्ट पर देशद्रोह के तहत कारवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकारें इस कानून का इस्तेमाल विरोधी आवाजों को दबाने और डर पैदा करने के लिए कर रही हैं. सुप्रीम कोर्ट इन मामलों पर जांच कर फैसला सुनाए.

दरअसल, NGO कॉमन कॉज ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि पत्रकारों और बुद्धिजीवी लोगों पर देशद्रोह के जो केस लगाए गए हैं, इस तरह के केस सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्‍लंघन है.

याचिका में कहा गया है कि कोर्ट ऐसे केसों में DGP या कमिश्नर ऑफ पुलिस से आदेश लेने को अनिवार्य बनाए, जिसमें गिरफ्तार या FIR दर्ज होने से पहले ये कहा गया हो कि किसी कार्य से हिंसा को बढ़ावा मिल रहा है या कानून व्यस्था बिगड़ रही है. इसके बाद ही किसी शख्स के ख़िलाफ़ FIR दर्ज की जाए या फिर गिरफ्तार किया जाए. याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट देशभर के सारे मामलों को देखे और फैसला दे.


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