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मायावती ने कहा कि सपा सरकार के आज के फैसले की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इतिहास के पन्नों में अपना नाम काले अक्षरों में दर्ज करवा लिया है।
बसपा प्रमुख मायावती ने सोमवार शाम एक बयान जारी कर कहा कि जिलों के नाम बदलने की चर्चा मीडिया में काफी पहले से आ रही थी, लेकिन उनको ये भरोसा नहीं था कि दुर्भावना के तहत काम करते हुए सपा सरकार दलित व अन्य पिछड़े वर्गो में जन्मे महापुरुषों और गुरुओं के प्रति नफरत में इस हद तक तक आगे चली जाएगी कि उनके नाम पर रखे गए जिलों के नाम तक बदलकर उनका अपमान करने पर उतारू हो जाएगी।
मायावती ने कहा कि सपा सरकार के आज के फैसले की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इतिहास के पन्नों में अपना नाम काले अक्षरों में दर्ज करवा लिया है।
उन्होंने कहा कि त्याग और संघर्ष करने वाले दलित महापुरुषों का अपमान करने वालों को पहले भी समाज सबक सिखा चुका है और निश्चित ही समाज आने वाले दिनों में इस प्रकार के लगातार अपमानों को बर्दाश्त नहीं करेगा।
उल्लेखनीय है कि आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में सपा सरकार ने आठ जिलों के नाम बदलने का ऐलान किया। पंचशीलनगर का नाम बदलकर हापुड़, प्रबुद्धनगर का शामली, महामाया नगर का हाथरस, कांशीराम नगर का कासगंज, रमाबाईनगर का कानपुर देहात, ज्योतिबाफुले नगर का अमरोहा, भीमनगर का बहजोई और छत्रपति शाहूजी महाराज नगर का गौरीगंज कर दिया गया।
कैबिनेट की बैठक में लखनऊ स्थित छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय का नाम फिर से किंग जॉर्ज मेडिकल युनिवर्सिटी (केजीएमयू) कर दिया गया।
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