ट्रेन में वेटिंग लिस्ट की वजह से बस से यात्रा करने को मजबूर है लोग 

मिश्रा ने कहा कि उन्हें बस टिकट के लिए 2,000 रुपये प्रति सीट खर्च करने पड़े जो ट्रेन टिकट से काफी मंहगा है.

ट्रेन में वेटिंग लिस्ट की वजह से बस से यात्रा करने को मजबूर है लोग 

प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली:

पिछले तीन महीने से अमित मिश्रा बिहार जाने के लिए अपने रेलवे टिकट के कंफर्म होने की प्रतीक्षा कर रहे थे लेकिन जब टिकट कंफर्म नहीं हो पाया तो दिल्ली निवासी मिश्रा ने बस से बिहार में मधुबनी जाने का फैसला किया. मिश्रा, अपनी पत्नी और बेटे के साथ आनंद बिहार बस टर्मिनल पर बस की प्रतीक्षा कर रहे थे. वह हाल ही में बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में दिल्ली आ रही एक बस के हादसे से भी वाकिफ हैं. वह कहते हैं कि उनके पास बस के अलावा और कोई विकल्प नहीं है. अगर रेल टिकट नहीं कंफर्म हो तो इतनी लंबी दूरी में बस के अलावा और क्या विकल्प रह जाता है.

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मिश्रा ने कहा कि उन्हें बस टिकट के लिए 2,000 रुपये प्रति सीट खर्च करने पड़े जो ट्रेन टिकट से काफी मंहगा है. उन्होंने कहा कि मैंने अपना ट्रेन टिकट एडवांस रिजर्वेशन पीरियड ( एआरपी ) शुरू होने के कुछ दिन बाद ही बुक कराया था लेकिन फिर भी वह कंफर्म नहीं हुआ. बिहार जाने वाली बस का इंतजार कर रहे ज्यादातर लोगों ने ट्रेन के टिकट नहीं कंफर्म होने या बिहार जाने वाली ट्रेनों के कई - कई घंटे देर से चलने की वजह से बस से जाना तय किया था. फरीदाबाद के रहनेवाले एच के झा ने कहा कि मैंने यह सुना है कि रेल ट्रैक पर चल रहे काम की वजह से रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं लेकिन रेलवे को इसके लिए कुछ वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थी ताकि यात्रियों को परेशानी न हो.  (इनपुट भाषा से) 
 


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