साल के आखिरी दिन जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने को लेकर सरगर्मी तेज़ है। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आज राज्यपाल एनएन वोहरा से मुलाकात के बाद कहा कि उनके पास 55 विधायकों का समर्थन है, लेकिन उनकी प्राथमिकता जल्दी सरकार बनाने की नहीं बल्कि जनादेश का सम्मान करते हुए सबको साथ लेकर चलने की है। महबूबा ने कहा कि इस बार जम्मू में अलग और कश्मीर में अलग जनादेश आया है। ये जनादेश प्रधानमंत्री मोदी और बाकी सभी के लिए एक चुनौती है और सबको साथ लेकर चलने का एक मौका भी है।
महबूबा मुफ्ती ने वाजपेयी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के लिए उठाये गए कदमों का जिक्र किया। उन्होंने कहा की वह सबको साथ लेकर चलना चाहती हैं और जम्मू के लोगों को भी नाराज नहीं करना चाहतीं। मुफ्ती ने बीजेपी के साथ सरकार बनाने की संभावना पर इनकार नहीं किया।
वहीं गुरुवार दोपहर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष जुगल किशोर शर्मा सरकार बनाने पर राज्यपाल के सामने अपने पत्ते खोल सकते हैं। जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने को लेकर जोड़-तोड़ का सिलसिला जारी है। पीडीपी 28 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है तो बीजेपी 25 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर है हालांकि बीजेपी अपने साथ निर्दलीयों के समर्थन का दावा ज़रूर कर रही है।
पीडीपी प्रवक्ता नईम अख़्तर ने हालांकि कहा था कि पीडीपी-कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का महागठबंधन भी सरकार बनाने का विकल्प हो सकता है, जिसके बाद बीजेपी ने इस विकल्प की आलोचना की और कहा कि ये जम्मू की जनता के जनादेश के खिलाफ होगा।
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