मुंबई:
बड़े और निजी अस्पतालों में लापरवाही की बातें सामने आती रहती हैं। ऐसे ही एक मामले में बॉम्बे हॉस्पिटल के खिलाफ एक मरीज़ ने बिस्तर से गिरने को लेकर एफआईआर दर्ज करवाई है। हादसे में मरीज़ के हाथ और नाक की हड्डी टूट गई।
मुंबई के जाने-माने बॉम्बे हॉस्पिटल के खिलाफ लापरवाही के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। आरोप है कि ब्रेन स्ट्रोक के इलाज के लिए आईसीयू में भर्ती 79 साल के सूरज जैन बिस्तर से गिर गए और उनके हाथ और नाक की हड्डियां टूट गई।
परिवार ने मुंबई के आजाद मैदान थाने में केस दर्ज कराया है। सूरज जैन को 20 जून को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। फिलहाल उनकी हालत गंभीर है।
सूरज जैन के बेटे रवि जैन और उनकी पत्नी लालबाई जैन का आरोप है कि अस्पताल वाले शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बना रहे हैं और धमकियां दे रहें हैं। ये आरोप बॉम्बे हॉस्पिटल के डॉ निर्मल सूर्या पर लगे हैं। परिवार की माने तो हॉस्पिटल प्रशासन ने जान से मारने की धमकी दी है। परिवार ने इसकी शिकायत भी आज़ाद मैदान पुलिस थाने में की है।
वहीं, डॉक्टर निर्मल सूर्या इन सारी बातों से इनकार करते हैं। निर्मल सूर्या ने कहा कि ये बिलकुल झूठे हैं। मैंने मरीज़ या उनके परिवार को कुछ नहीं कहा है बल्कि हम तो उनका इलाज कर रहें हैं। पुलिस फ़िलहाल मामले की जांच करने में जुटी है। इसका नतीजा जो भी निकले लेकिन सच्चाई यह है कि इलाज के तरीक़े जहां बेहतर होते जा रहे हैं वहीं अस्पतालों में मरीज़ों के साथ रिश्ते और उनकी परवाह घटती जा रही है।
मुंबई के जाने-माने बॉम्बे हॉस्पिटल के खिलाफ लापरवाही के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। आरोप है कि ब्रेन स्ट्रोक के इलाज के लिए आईसीयू में भर्ती 79 साल के सूरज जैन बिस्तर से गिर गए और उनके हाथ और नाक की हड्डियां टूट गई।
परिवार ने मुंबई के आजाद मैदान थाने में केस दर्ज कराया है। सूरज जैन को 20 जून को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। फिलहाल उनकी हालत गंभीर है।
सूरज जैन के बेटे रवि जैन और उनकी पत्नी लालबाई जैन का आरोप है कि अस्पताल वाले शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बना रहे हैं और धमकियां दे रहें हैं। ये आरोप बॉम्बे हॉस्पिटल के डॉ निर्मल सूर्या पर लगे हैं। परिवार की माने तो हॉस्पिटल प्रशासन ने जान से मारने की धमकी दी है। परिवार ने इसकी शिकायत भी आज़ाद मैदान पुलिस थाने में की है।
वहीं, डॉक्टर निर्मल सूर्या इन सारी बातों से इनकार करते हैं। निर्मल सूर्या ने कहा कि ये बिलकुल झूठे हैं। मैंने मरीज़ या उनके परिवार को कुछ नहीं कहा है बल्कि हम तो उनका इलाज कर रहें हैं। पुलिस फ़िलहाल मामले की जांच करने में जुटी है। इसका नतीजा जो भी निकले लेकिन सच्चाई यह है कि इलाज के तरीक़े जहां बेहतर होते जा रहे हैं वहीं अस्पतालों में मरीज़ों के साथ रिश्ते और उनकी परवाह घटती जा रही है।
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