नवाज शरीफ और नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
पाकिस्तानी और भारतीय मीडिया में सूत्रों के हवाले से जानकारी आ रही है कि पाकिस्तान ने पठानकोट हमला मामले से जुड़े कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है। हालांकि पाकिस्तान की सरकार या वहां के स्थानीय प्रशासन के स्तर पर अभी तक इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
वहां के सूत्र बस इतना बता रहे हैं कि पकड़े गए संदिग्धों से पूछताछ के ज़रिए ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि इनमें से किसी का संबंध पठानकोट हमले से तो नहीं है या किसी ने इस मामले में कोई मदद तो नहीं की है। दिलचस्प बात ये है कि गिरफ्तारियां पाकिस्तान में हुई हैं (अगर हुई हैं तो) और भारत में सरकारी सूत्र बहुत ही सक्रियता के साथ ऐसी जानकारियों को मीडिया के साथ साझा कर रहे हैं।
भारत की ओर से दिए सबूतों की अपने स्तर पर जांच करेगा पाक
इससे पहले सूत्रों के हवाले से ये भी जानकारी आई कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने अपने आईबी प्रमुख आफ़ताब सुल्तान को आदेश दिया है कि वे पठानकोट हमले की जांच के लिए साझा जांच टीम का गठन करें जिनमें आईबी और आईएसआई के साथ साथ मिलिटरी इंटेलिजेंस के अधिकारी भी शामिल हों। इस ख़बर की भी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है। यह जरूर है कि बीचे हफ्ते हुई एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद ये जानकारी आई थी कि पाकिस्तान, भारत की ओर से दिए गए सबूतों की अपने स्तर पर जांच करेगा। पाकिस्तान की तरफ से ये कदम लाज़िमी है क्योंकि प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ फोन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ठोस जांच और नतीजे का भरोसा दे चुके हैं।
इन कोशिशों के पीछे यह है पाकिस्तान का मकसद
ऐसा हो सकता है कि पाकिस्तान अपनी तरफ से की जा रही कोशिशों को मीडिया में बताने की बजाय सीधे भारत सरकार के साथ साझा कर रही हो। इसके पीछे मकसद, विदेश सचिवों की बातचीत को किसी भी तरह 15 जनवरी को कराने का होगा। लेकिन ये भारत सरकार पर निर्भर करता है कि पाकिस्तान की ओर से दी जा रही सूचनाओं को वो कितनी ठोस कार्रवाई मानती है और फिर क्या बातचीत की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की हरी झंडी देती है।
वहां के सूत्र बस इतना बता रहे हैं कि पकड़े गए संदिग्धों से पूछताछ के ज़रिए ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि इनमें से किसी का संबंध पठानकोट हमले से तो नहीं है या किसी ने इस मामले में कोई मदद तो नहीं की है। दिलचस्प बात ये है कि गिरफ्तारियां पाकिस्तान में हुई हैं (अगर हुई हैं तो) और भारत में सरकारी सूत्र बहुत ही सक्रियता के साथ ऐसी जानकारियों को मीडिया के साथ साझा कर रहे हैं।
भारत की ओर से दिए सबूतों की अपने स्तर पर जांच करेगा पाक
इससे पहले सूत्रों के हवाले से ये भी जानकारी आई कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने अपने आईबी प्रमुख आफ़ताब सुल्तान को आदेश दिया है कि वे पठानकोट हमले की जांच के लिए साझा जांच टीम का गठन करें जिनमें आईबी और आईएसआई के साथ साथ मिलिटरी इंटेलिजेंस के अधिकारी भी शामिल हों। इस ख़बर की भी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है। यह जरूर है कि बीचे हफ्ते हुई एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद ये जानकारी आई थी कि पाकिस्तान, भारत की ओर से दिए गए सबूतों की अपने स्तर पर जांच करेगा। पाकिस्तान की तरफ से ये कदम लाज़िमी है क्योंकि प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ फोन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ठोस जांच और नतीजे का भरोसा दे चुके हैं।
इन कोशिशों के पीछे यह है पाकिस्तान का मकसद
ऐसा हो सकता है कि पाकिस्तान अपनी तरफ से की जा रही कोशिशों को मीडिया में बताने की बजाय सीधे भारत सरकार के साथ साझा कर रही हो। इसके पीछे मकसद, विदेश सचिवों की बातचीत को किसी भी तरह 15 जनवरी को कराने का होगा। लेकिन ये भारत सरकार पर निर्भर करता है कि पाकिस्तान की ओर से दी जा रही सूचनाओं को वो कितनी ठोस कार्रवाई मानती है और फिर क्या बातचीत की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की हरी झंडी देती है।
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