सलविंदर सिंह की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
पंजाब के पठानकोट स्थित एयरफोर्स बेस पर हुए आतंकी हमले की कड़ियां जोड़ने में जुटी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को दिल्ली की एक अदालत ने पंजाब पुलिस के एसपी सलविंदर सिंह का पॉलिग्राफ़ टेस्ट कराने की इजाज़त दे दी है।
एनआईए की टीम सोमवार दोपहर सलविंदर को डिस्ट्रिक्ट जज अमरनाथ की अदालत में ले गई थी। वहां एनआईए ने सलविंदर का पॉलिग्राफ़ टेस्ट करने की अर्ज़ी दी, कोर्ट ने अर्ज़ी पर सुनवायी के बाद इजाज़त दे दी और एनआईए को अगले तीन दिन में यह पॉलिग्राफ़ टेस्ट करवाने को कहा।
सलविंदर एक गवाह : एनआईए
एनआईए से जुड़े अफ़सरों ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि सलविंदर ने जांच एजेन्सी को अपनी तरफ से पूरी बात बता दी है, लेकिन उसके बयान में कई अलग-अलग बातें सामने आ रही हैं, इसीलिए एनआईए पॉलिग्राफ़ टेस्ट करवाना चा रही है। हालांकि अभी तक एनआईए सलविंदर को एक गवाह के तौर पर देख रही है, लेकिन साथ ही वह मानती है कि सलविंदर कई बातें पूरी तरह से नहीं बता रहा, इसलिए वह ये टेस्ट कराना चाहती है।
गौरतलब है कि पठानकोट में हमला करने वाले आतंकियों ने सलविंदर और उसके दो साथियों को अगवा कर लिया था। आतंकवादियों ने सलविंदर को बिना कोई नुकसान पहुंचाए ही छोड़ दिया था, इसीलिए सलविंदर की भूमिका सवालों के घेरे में है।
सिखों के प्रति नरम रुख अपनाती है ISI
हालांकि अब यह भी कहा जा रहा है कि आतंकवादियों ने सलविंदर को इसलिए छोड़ दिया, क्योंकि वह सिख था। दरअसल आईएसआई कभी भी सिखों के ख़िलाफ़ करवाई करने के लिए नहीं कहती, क्योंकि वह मानती है कि सरदारों पर भी ज़ुल्म हुए हैं और वह भारत के खिलाफ गतिविधियों में उनका इस्तेमाल कर सकती है। खुफिया विभाग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक़, ISI अपनी ट्रेनिंग के दोरान सभी को सिखों के प्रति नरम रुख रखने की हिदायत देती है।
एनआईए की टीम सोमवार दोपहर सलविंदर को डिस्ट्रिक्ट जज अमरनाथ की अदालत में ले गई थी। वहां एनआईए ने सलविंदर का पॉलिग्राफ़ टेस्ट करने की अर्ज़ी दी, कोर्ट ने अर्ज़ी पर सुनवायी के बाद इजाज़त दे दी और एनआईए को अगले तीन दिन में यह पॉलिग्राफ़ टेस्ट करवाने को कहा।
सलविंदर एक गवाह : एनआईए
एनआईए से जुड़े अफ़सरों ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि सलविंदर ने जांच एजेन्सी को अपनी तरफ से पूरी बात बता दी है, लेकिन उसके बयान में कई अलग-अलग बातें सामने आ रही हैं, इसीलिए एनआईए पॉलिग्राफ़ टेस्ट करवाना चा रही है। हालांकि अभी तक एनआईए सलविंदर को एक गवाह के तौर पर देख रही है, लेकिन साथ ही वह मानती है कि सलविंदर कई बातें पूरी तरह से नहीं बता रहा, इसलिए वह ये टेस्ट कराना चाहती है।
गौरतलब है कि पठानकोट में हमला करने वाले आतंकियों ने सलविंदर और उसके दो साथियों को अगवा कर लिया था। आतंकवादियों ने सलविंदर को बिना कोई नुकसान पहुंचाए ही छोड़ दिया था, इसीलिए सलविंदर की भूमिका सवालों के घेरे में है।
सिखों के प्रति नरम रुख अपनाती है ISI
हालांकि अब यह भी कहा जा रहा है कि आतंकवादियों ने सलविंदर को इसलिए छोड़ दिया, क्योंकि वह सिख था। दरअसल आईएसआई कभी भी सिखों के ख़िलाफ़ करवाई करने के लिए नहीं कहती, क्योंकि वह मानती है कि सरदारों पर भी ज़ुल्म हुए हैं और वह भारत के खिलाफ गतिविधियों में उनका इस्तेमाल कर सकती है। खुफिया विभाग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक़, ISI अपनी ट्रेनिंग के दोरान सभी को सिखों के प्रति नरम रुख रखने की हिदायत देती है।
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