फाइल फोटो
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश में पिछले चार दिन से भी कम समय में रेलगाड़ी के पटरी से उतरने की दो घटनाओं से यात्रियों के मन में भय व्याप्त हो गया है. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पटना जाने वाली संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस का इंतजार कर रहे तरुण कुमार का कहना है 'हर कोई अपनी जिंदगी के लिए डरता है. सरकार को मंजिल तक सुरक्षित पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए.' यह ट्रेन कल छह घंटे की देरी से चल रही थी. उत्तर प्रदेश के ओरैया जिले में कल सुबह कैफियत एक्सप्रेस के पटरी से उतर जाने के बाद कई ट्रेनों को या तो रद्द कर दिया गया या उनका मार्ग परिवर्तित कर के चलाया गया. कैफियत के रेलवे कार्यों के लिए सामान ले जा रहे डंपर से टक्कर हो जाने के बाद ट्रेन की दस बोगियां पटरी से उतर गई थीं. इस हादसे में कम से 100 लोग घायल हो गए थे.
पढ़ें, यूपी में एक और ट्रेन हादसा, कैफियत एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतरने से 74 यात्री घायल
जम्मू में वैष्णो देवी के दर्शन कर वापस लौट रहे कुमार ने कहा 'ट्रेन से यात्रा करने के दौरान हमारी किस्मत भगवान भरोसे होती है.' हालांकि कुछ यात्रियों का कहना था कि रेल दुर्घटनाओं से भयभीत होना बेकार है. मथुरा जाने वाली ट्रेन का इंतजार कर रहे मध्यम आयु के एक व्यक्ति ने कहा 'पटरी से उतरने की वजह से हम ट्रेनों में यात्रा करना नहीं छोड़ सकते. क्या हमने विमान दुर्घटनाओं के बारे में नहीं सुना है?' यात्रियों को भरोसा है कि सरकार दोषियों के खिलाफ 'सख्त कार्रवाई' कर रही है.
वीडियो : पटरियों से क्यों उतर रही हैं रेल?
पिछले साल उत्तर प्रदेश में ट्रेनों के पटरी से उतर जाने की कई घटनाएं सामने आई थीं. कानपुर देहात जिले के पुखरायां में नवंबर 2016 में इंदौर-पटना एक्सप्रेस के 14 डिब्बों के पटरी से उतर जाने की घटना में 100 लोगों की मौत हुई थी और 200 से ज्यादा घायल हो गए थे. इसके बाद इसी जिले में 28 दिसंबर को सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस के 15 डिब्बों के पटरी से उतर जाने की घटना में 62 यात्री घायल हो गए थे. ट्रेन के पटरी से उतर जाने की इन घटनाओं के बाद रेलवे को सुरक्षा इंतजामों की बेहतरी के लिए जरूरी फंड मिल गया था। इस काम के लिए इस साल के बजट में एक लाख करोड़ के खर्च का प्रस्ताव दिया गया था.
इनपुट : भाषा
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जम्मू में वैष्णो देवी के दर्शन कर वापस लौट रहे कुमार ने कहा 'ट्रेन से यात्रा करने के दौरान हमारी किस्मत भगवान भरोसे होती है.' हालांकि कुछ यात्रियों का कहना था कि रेल दुर्घटनाओं से भयभीत होना बेकार है. मथुरा जाने वाली ट्रेन का इंतजार कर रहे मध्यम आयु के एक व्यक्ति ने कहा 'पटरी से उतरने की वजह से हम ट्रेनों में यात्रा करना नहीं छोड़ सकते. क्या हमने विमान दुर्घटनाओं के बारे में नहीं सुना है?' यात्रियों को भरोसा है कि सरकार दोषियों के खिलाफ 'सख्त कार्रवाई' कर रही है.
वीडियो : पटरियों से क्यों उतर रही हैं रेल?
पिछले साल उत्तर प्रदेश में ट्रेनों के पटरी से उतर जाने की कई घटनाएं सामने आई थीं. कानपुर देहात जिले के पुखरायां में नवंबर 2016 में इंदौर-पटना एक्सप्रेस के 14 डिब्बों के पटरी से उतर जाने की घटना में 100 लोगों की मौत हुई थी और 200 से ज्यादा घायल हो गए थे. इसके बाद इसी जिले में 28 दिसंबर को सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस के 15 डिब्बों के पटरी से उतर जाने की घटना में 62 यात्री घायल हो गए थे. ट्रेन के पटरी से उतर जाने की इन घटनाओं के बाद रेलवे को सुरक्षा इंतजामों की बेहतरी के लिए जरूरी फंड मिल गया था। इस काम के लिए इस साल के बजट में एक लाख करोड़ के खर्च का प्रस्ताव दिया गया था.
इनपुट : भाषा
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