विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Dec 17, 2016

दिव्यांगों को अब सरकारी नौकरियों में 4 फीसदी आरक्षण, विधेयक को मिली मंजूरी

Read Time: 5 mins
दिव्यांगों को अब सरकारी नौकरियों में 4 फीसदी आरक्षण, विधेयक को मिली मंजूरी
नई दिल्‍ली: दिव्यांगों से जुड़े एक महत्वपूर्ण विधेयक को शुक्रवार को संसद की मंजूरी मिल गई. लोकसभा ने इसे पारित कर दिया. इसमें नि:शक्तजनों से भेदभाव किए जाने पर दो साल तक की कैद और अधिकतम पांच लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है.

दिव्यांगों की श्रेणी में तेजाब हमले के पीड़ितों को भी शामिल किया गया है. नि:शक्त व्यक्तियों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र संधि और उसके आनुषंगिक विषयों को प्रभावी बनाने वाला नि:शक्त व्यक्ति अधिकार विधयेक 2014 काफी व्यापक है और इसके तहत दिव्यांगों की श्रेणियों को सात से बढ़ाकर 21 कर दिया गया है. इन 21 श्रेणी में तेजाब हमले के पीड़ितों और पार्किंसन के रोगियों को भी शामिल किया गया है.

विधेयक पर टीआरएस सदस्य के कविता द्वारा पेश संशोधन को सदन ने मतविभाजन के पश्चात नामंजूर कर दिया. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचन्द गहलोत के प्रस्ताव पर सदन ने संक्षिप्त चर्चा के बाद इस विधेयक को पारित कर दिया. विधेयक में नि:शक्तजनों के लिए आरक्षण की व्यवस्था तीन से बढ़ाकर चार प्रतिशत कर दी गई है.

इसके साथ ही विधेयक में नि:शक्तजनों के लिए कई व्यापक प्रावधान किए गए हैं. गहलोत ने बताया कि इसमें नि:शक्तजनों से भेदभाव करने की स्थिति में छह महीने से लेकर दो साल तक की कैद और 10 हजार रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा का प्रावधान है. विधेयक में वही परिभाषा रखी गई है जिसका उल्लेख संयुक्त राष्ट्र संधि में किया गया है.

उन्होंने कहा कि इसके प्रावधान सरकार से मान्यता प्राप्त निजी संस्थाओं पर भी लागू होंगे. मंत्री ने कहा कि देश की आबादी के 2.2 प्रतिशत लोग दिव्यांग हैं. अभी तक कानून में इनके लिए 3 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान था जिसे बढ़ाकर 4 प्रतिशत किया गया है. मंत्री के जवाब के समय सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा में मौजूद थे.

गहलोत ने कहा कि नि:शक्त व्यक्ति अधिकार विधेयक 2014 के कानून बनने के बाद नि:शक्त व्यक्तियों को काफी लाभ मिलेंगे और उनका यूनीवर्सल कार्ड बनाया जाएगा जो पूरे देश में मान्य होगा. पहले नि:शक्तता से संबंधित कार्ड स्थानीय स्तर पर ही मान्य होता था. उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्ड बनवाने का काम शुरू कर दिया गया है और अगले डेढ़ साल में यह काम पूरा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि विधेयक में नि:शक्त व्यक्तियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था तीन प्रतिशत से बढ़ाकर चार प्रतिशत की गई है. मंत्री ने कहा कि सरकार केरल में दिव्यांग विश्वविद्यालय बना रही है और यह अगले साल से शुरू हो जाएगा.

विधेयक के कानून बनने के बाद नि:शक्तजनों से संबंधित सभी समस्यओं का समाधान होने की उम्मीद है. थावर चंद गहलोत ने कहा कि हमने यह प्रावधान किया है कि कोई भी दिव्यांग भारत सरकार या राज्य सरकार की योजना का लाभ उठाने से वंचित नहीं रह पायेगा. निगरानी के लिए कोई आयोग बनाने के सुझाव के बारे में मंत्री ने कहा कि आयोग केवल सलाह दे सकता है. इसे ध्यान में रखते हुए हमने अधिक शक्तिसम्पन्न आयुक्तों की प्रणाली बनाने का प्रावधान किया है. यह केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर होगा. इसके तहत एक केंद्रीय बोर्ड भी बनाया जायेगा जिसमें तीन सांसद होंगे.

गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सुझाये गए दिव्यांग शब्द के बारे में हमने सभी राज्यों के साथ पत्र व्यवहार किया और एक-दो राज्यों को छोड़कर सभी ने इस शब्द को स्वीकार करने की बात कही. विधेयक सबसे पहले फरवरी 2014 में लाया गया था. इसके बाद इसे स्थायी समिति को भेजा गया था जिसने 82 सुझाव दिए जिनमें से 59 सुझाव मान लिए गए. उन्होंने कहा कि विधेयक में नि:शक्त व्यक्यिों को सशक्त बनाने के प्रयास किए गए हैं. नि:शक्त व्यक्तियों की पहले सात श्रेणियां थीं और अब श्रेणियों की संख्या बढ़ाकर 21 कर दी गई है. इस विधेयक की कई विशेषताएं हैं.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
ओडिशा : जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान पुरी में भगदड़ जैसे हालात, एक शख्स की मौत, दर्जनों घायल
दिव्यांगों को अब सरकारी नौकरियों में 4 फीसदी आरक्षण, विधेयक को मिली मंजूरी
ये कैसी सत्संग कथा : चरणों की धूल पर लेटते भक्त और ये 'भोले' बाबा?
Next Article
ये कैसी सत्संग कथा : चरणों की धूल पर लेटते भक्त और ये 'भोले' बाबा?
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;