लोकसभा की कार्यवाही बार-बार बाधित होने पर विपक्षी सांसदों पर बरसे स्‍पीकर, बोले-नारेबाजी का कॉम्पेटीशन मत करो

लोकसभा में जब स्थगन के बाद कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, तब भी नारेबाज़ी बंद नहीं हुई.इस पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने नाराज़गी जताते हुए सांसदों से नारेबाज़ी की प्रतियोगिता नहीं करने का आग्रह किया

लोकसभा की कार्यवाही बार-बार बाधित होने पर विपक्षी सांसदों पर बरसे स्‍पीकर, बोले-नारेबाजी का कॉम्पेटीशन मत करो

लोकसभा में विपक्षी सांसदों के हंगामे को लेकर स्‍पीकर ओम बिरला ने नाराजगी बताई

नई दिल्ली:

Parliament Monsoon Session: संसद के मॉनसून सत्र (Parliament Monsoon Session) के दौरान दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा में मंगलवार को भी पेगासस मुद्दे (Pegasus Scandal) को लेकर विपक्षी दलों का हंगामा जारी रहा, और सदस्यों ने जमकर नारेबाज़ी भी की. लोकसभा में जब स्थगन के बाद कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, तब भी नारेबाज़ी बंद नहीं हुई.इस पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने नाराज़गी जताते हुए सांसदों से नारेबाज़ी की प्रतियोगिता नहीं करने का आग्रह किया, और कहा कि इसके स्थान पर जनता की समस्याएं बताने के लिए प्रतियोगिता करने का सुझाव दिया.

'नियंत्रण में हैं हालात'': असम-मिजोरम बॉर्डर पर झड़प में 5 की मौत के एक दिन बाद केंद्र का बयान

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने तल्ख लहज़े में कहा, "आप सदन में नारेबाजी में कॉम्पेटीशन मत करो, आप लोग जनता की समस्याएं बताने के लिए कॉम्पेटीशन करो..."नाखुश लहज़े में ओम बिरला बोले, "आप लोग यहां नारेबाज़ी का कॉम्पेटीशन कर रहे हैं, यह जनता देख रही है... इसके स्थान पर आप जनता के अभावों और उनकी समस्याओं को बताने के लिए कॉम्पेटीशन करें, जनता यह चाहती है..."

RJD नेता तेज प्रताप यादव का नया शिगूफा, सोशल मीडिया पर खुद को 'सेकंड लालू' के रूप में किया 'पेश'

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

गौरतलब है कि हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार को पहले 11:45 बजे और फिर दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. कार्यवाही स्थगित करने से पहले स्पीकर ओम बिरला ने हंगामा करने वालों के प्रति सख्त रुख दिखाया. उन्‍होंने कहा कि सरकार जवाब देना चाहती है, आप जवाब चाहते हैं तो अपनी जगह पर जाएं. स्‍पीकर ने कहा कि आप नारेबाजी कर जवाब मांगते हैं फिर जवाब सुनते भी नहीं, यह उचित नहीं है. जनता ने आपको सदन में उनके मुद्दे और समस्याएं उठाने के लिए भेजा है लेकिन जनता के अभाव सामने लाने की जगह आप नारेबाजी और हंगामा कर रहे हैं.हंगामे और नारेबाजी से सदन की गरिमा को गिरा रहे हैं. हंगामा करने वाले सदस्यों का यह आचरण उचित नहीं है.